Friday, June 23, 2017

यह कैसा लॉजिक है ,


*किसी भी सरकारी विभाग की Vacancy निकलती हैं तो उसकी फार्म फीस 500-700 होती ही हैं*


सरकार विद्यार्थियों से *पैसा कमाना* चाहती हैं या उन्हें *रोजगार देना* ??? अभी तक पता नहीं चला है ।



उदाहरण के लिए:-
पोस्ट होती हैं 50 (Seat)
फॉर्म पूरे भारत से भरवाते हैं ।



फॉर्म फीस होती हैं 500 रु ,
*50 लाख से 80 लाख विद्यार्थी* फॉर्म भरते हैं




_*आइये सरकार का फायदा देखते हैं*_


500 रु फॉर्म फीस × 50,00,000 विद्यार्थीयों ने फॉर्म भरें =
(कुल आय फॉर्म फीस से)
*2 अरब 50 करोड़ रु*




नौकरी देनी हैं 50 को
सैलेरी 25000 रु प्रति माह मान लेते , ज्यादा मानी गयी हैं इतनी होती नहीं हैं

25000 × 50 लोग = 12,50,000 महीना

12,50,000 × 12 महीने = 1 करोड़ 50 लाख

*चालीस साल की नौकरी करने पर*
1,50,00,000 × 40 साल = *60 करोड़*


सरकार की फॉर्म फीस कुल आय = *2 अरब 50 करोड़ रूपए*




*अप्पोइंटेड लोगों की 40 साल तक की सैलेरी*
60 करोड़ रु

2,50,00,00,000 - 60,00,00,000 = *1,90,00,00,000*




*सरकार की कुल आय = 1 अरब 90 करोड़ रु*



मेरा सवाल -  सरकार व विभाग से यह हैं कि आप विद्यार्थीयों को नौकरी देना चाहते हैं या
पैसा कमाना चाहते हैं ???

इस संदेश को अपने जान पहचान के लोगों को अवश्य बांटे...

Friday, June 2, 2017

*_जिसको जो कहना है कहने दो अपना क्या जाता है,_* *_ये वक्त वक्त की बात है और वक्त सबका आता है !!_*

*_जिसको जो कहना है कहने दो अपना क्या जाता है,_*
*_ये वक्त वक्त की बात है और वक्त सबका आता है !!_*

दूध वाले हडताल करते हें तो दूध सडक पर फेंकते हें टमाटर वाले हडताल करते हें तो टमाटर सडक पर फेंक देते हें न जाने bank वालों को कब अक्ल आएगी?😛😄😄😄😄

दूध वाले हडताल करते हें तो दूध सडक पर फेंकते हें
टमाटर वाले हडताल करते हें तो टमाटर सडक पर फेंक देते हें

न जाने bank वालों को कब अक्ल आएगी?😛😄😄😄😄