Saturday, August 12, 2017

*नदी जब निकलती है,*
*कोई नक्‍शा पास नहीं होता कि "सागर" कहां है।*

*बिना नक्‍शे के सागर तक पहुंच जाती है।*
*ऐसा नहीँ है कि नदी कुछ नहीँ करती है।*
*उसको "सागर" तक पहुंचने के लिए लगातार "बहना" अर्थात "कर्म" करना पड़ता है।*

*इसलिए "कर्म" करते रहिये,*
*नक्शा तो भगवान् पहले ही बनाकर बैठे है ।*
*हमको तो सिर्फ "बहना" ही है ।।*

* सुप्रभात्🙏🏻🌞*

कवि अब्दुल गफ्फार की सिंह गर्जना

कवि अब्दुल गफ्फार की सिंह गर्जना
~~~~~~~~~~~~~~~~~
"ओ हामिद अंसारी बोलो,ये जुमला क्यों बोल गये
जाते जाते सदभावों में,ज़हर बता क्यों घोल गये
बैठ वहां ऊंचे मकान में,व्यर्थ आप चिल्लाते हैं
गांवों की दर असल हक़ीक़त,हम तुमको बतलाते हैं
शस्य श्यामला इस धरती के जैसा कोई और नहीं
भारत माता की गोदी से प्यारी कोई ठोर नहीं
घर से बाहर ज़रा निकल के अकल खुजाकर के पूछो
हम कितने हैं यहां सुरक्षित हमसे आकर के पूछो
पूछो हमसे ग़ैर मुल्क में मुस्लिम कैसे जीते हैं
पाक़,सीरिया,फिलस्तीन में,खूं के आंसू पीते हैं
लेबनान,टर्की,इराक़ में भीषण हाहाकार हुए
अल बगदादी के हाथों,मस्जिद में नर संहार हुए
इज़राइल की गली गली में मुस्लिम मारा जाता है
अफ़ग़ानी सड़कों पर ज़िंदा शीश उतारा जाता है
केवल भारत देश,जहां सिर गौरव से तन जाता है
यही मुल्क है जहां मुसलमान राष्ट्रपति बन जाता है
इसीलिए कहता हूं तुमसे,यों भड़काना बंद करो
साक्ष्य हीन ऐसे जुमलों से,हमें लड़ाना बंद करो
बंद करो नफ़रत की स्याही से लिक्खी पर्चेबाजी
बंद करो इस हंगामे को,बंद करो ये लफ़्फाजी
ऐसा कहके अमृत घट में तुमने तो विष भर डाला
जिस थाली में खाया तुमने छेद उसी में कर डाला"

अब्दुल गफ्फार (जयपुर)

Sunday, July 2, 2017

🌞⛳ शुभ प्रभात ⛳🌞

कमाई पर्याप्त नही हो ,
तो ...
ख़र्चो पर अंकुश होना चाहिए ।
और..
जानकारी पर्याप्त नही हो ,
तो ..
चर्चा पर अंकुश लगाना  चाहिए ।

🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉राधे राधे🙏🏻

"यादें बचपन की "

"यादें बचपन की "
               ............!!!!
वो ! भी क्या दिन थे .......
बारिश में भींगना.........
बरसते पानी में  फुटवाल
खेलना......
भागना दौड़ना दौड़ाना....
वो !बहता पानी कागज़
की नाव .....
बनाकर तैराना.........
कितना पुर शुकून था......
वो ! पल ! वो! शरारतें
वो ! यादें बचपन की......
स्कूल से भीगकर आना
माँ की डाँट! पिता की फटकार........!
गीले बालों और शरीर को
पोछना ........
वो ! माँ की "झिड़की".....
अब !भीगकर आया तो
समझ लेना.......!
वो! माँ का प्यार !दुलार!
जाने कँहा खो गया ,खो गया वो !बचपन .......
वो! खो-खो कब्बड्डी.......
जब !पहनते थे "चड्डी"....!
गिरना गिराना छूना धकेलना.......
वो ! कट्टी वो ! मिठ्ठी.....!
वो ! लड़ना -झगड़ना
वो ! खींचा-तानी......
वो !मुक्कों का प्रहार.....!
फिर ! भी हार न जीत
सब के सब आपस में
मनमीत.........!
जाने ! कँहा खो गया
वो! बचपन........
माँ ! खोई !पिता!खोया....
खोया !वो !बचपन......!
जवानी !खोई!बुढ़ापा आया.......
न आया वो! बचपन.....!
बस !एक अहसास है .....
काश !माँ !फिर से डांटे-
दुलारे.......!
लेकिन !माँ भी तो खो चुकी ! किसे ! खोजूं....!
वो ! माँ !वो!बचपन.......
वो !यादें ! बचपन की........!!
बी.डी. गुहा रायपुर छत्तीसगढ़✍😌🌹🙏

फिसलन

"फिसलन "
सिक्कों को खनकते देखा है .........!
नोट ! के आगे ईमान !को फिसलते देखा है ......!!
चांदी के जूतों !को बरसते
देखा है .........!
ब-अदब-बे-आवाज़......
बद-चलन को संभल कर
चलते देखा है .......!!
बड़ा ! अजीब दौर है ये
फिसल कर!गिरने वालों को ........!
गिरकर! फिसलने वालों
पर हँसते देखा है ......!!
खोटे ! सिक्कों की नसीहत.......!
ज़रा !संभल कर चलना
जनाब ! नकाबों का शहर है .......
फिसलन ! भरी राहों पर
मील! के पत्थर !नहीं हुआ करते हैं.......
ज़रा !संभल कर चलना
ज़नाब!
आगे !रास्ता बंद है ........!
तंग !गली ! दरवाजा बंद है.......
फिसलन ......!!
बी.डी.गुहा रायपुर छत्तीसगढ़✍🙏

इंटरव्यू

एक इंटरव्यू चल रहा था 😒नौकरी पहले ही बॉस के साले के लिये पक्की हो चुकी थी..,
..

लेकिन दिखावे के लिये इंटरव्यू तो लेना ही था,

...😕
इसलिये ऐसे सवाल पूछे जा रहे थे, जिनका कोई जवाब संभव नहीं था, एक के बाद एक केंडीडेट आ रहे थे, जा रहे थे....!
...😌

फिर दूबेजी की बारी आयी....!!
...
😋इंटरव्यू लेने वाला:--- आप नदी के बीच एक बोट पर हैं, और आपके पास दो सिगरेट के अलावा कुछ भी नही है....!!!
..
आपको एक सिगरेट जलानी है, कैसे जलाओगे...??
..



😚दूबेजी बड़े सीरियसली सोचने के बाद बोले.......!
...
..
.
😏सर इसके तीन-चार सोल्युशन हो सकते हैं......!!
.... ..


😳इंटरव्यू लेने वाले को बहुत आश्चर्य हुआ कि जिस सवाल का एक भी जवाब नही हो सकता, उसके तीन-चार जवाब कहां से आ गये...... उसने बोला बताओ....!!
...

☺दूबेजी का पहला अनोखा जवाब:---

एक सिगरेट पानी में फेंक दो, then boat will become lighter (हल्की),
और "lighter" से आप सिगरेट जला सकते हैं.....!
...
..
😳इंटरव्यू लेने वाला(Shocked).......?😳
...

😨दूबेजी का दुसरा खतरनाक जवाब:---
Throw a cigaratte up and catch it,
"Catches win the Matches",
using the matches that you win, you can light the cigarette.....!!
...
😨Interviewer was speechless.....??
...

😜सर अभी तो एक उपाय और है......!

Take some water in your hand and drop it,
drop-by-drop.
It will sound like ..Tip..Tip-Tip..Tip....!!
...

😵Interviewer:--- उससे क्या होगा.....???
..

😌सर आपने वो गाना नही सुना "टिप-टिप बरसा पानी, पानी ने आग लगाई....."!!!😒
...
इस आग से आप अपनी सिगरेट जला सकते हैं.....!😜


😉सर यदि ये काफी नही हैं तो अभी भी मेरे पास एक और उपाय है, वह भी सुन लीजिए:---😋
...

😘आप एक सिगरेट से प्यार करने लगिए, दूसरी अपने आप जलने लगेगी.....!!😜
...
..
.
😱इंटरव्यू लेने वाला चकित हो गया और चिल्ला कर बोला:---😨
...
..
😰"साले".......को मारो गोली, नौकरी तो दूबेजी को ही मिलेगी....

🌞⛳ शुभ प्रभात ⛳🌞

कुछ चीजे समीप जाने पर बगैर मांगे मिल जाती है
जैसे *बर्फ के पास शीतलता*,अग्नि के पास गरमाहट और
*गुलाब के पास सुगंध*
फिर भगवान् से *मांगने की बजाये निकटता* बनाओगे तो सब कुछ अपने आप मिलना शुरू हो जायेगा।

🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉राधे राधे🙏🏻

🌞⛳*शुभ प्रभात*⛳🌞

"अपनी नेक - नीयत से मिली प्रतिष्ठा का
सदा ध्यान रखें क्यों कि
यही है जिसकी उम्र
आपसे ज्यादा है "
 
🙏🏻मात नर्मदे हर🕉राधे राधे🙏🏻

🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳10 पौधे लगाने से अच्छा है 1 पौधा लगाओ पर उसको पेड़ बनने दो1🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴

सुनो वृक्ष की पुकार

सुनो वृक्ष की पुकार

चूँकि वृक्ष हूँ मैं
जड़ नहीं चेतन हूँ मैं
मुझमे ज्ञान है संज्ञान है ,विज्ञान
आध्यात्म और आर्युर्वेद गुणों की खान हूँ मैं........
       चूँकि वृक्ष हूँ मैं
कृतग्न्य नहीं कृतज्ञ हूँ नम्र नहीं विनम्र हूँ मैं ...........
जेठ की तपिस में तपा लगातार
चौमासे भर भीगा बारम्बार
पूस की सर्द-शीत से रहा अविचलित
अविराम........
बसंत में पुष्पित-पल्लवित -श्रृंगारित
बना सुगंध बहार.........
       चूँकि वृक्ष हूँ मैं
कोयल की कूक वानरों की उछल-कूद
पक्षियों के कोरस शब्द-गान
पवन संग झूमा बिन अभिमान
चाहे कितना भी विशाल हो आकार
लेश ! मात्र भी नहीं अहंकार
      चूँकि वृक्ष हूँ मै...........
जीवन भर-जी-वनोपरांत संकल्प के
प्रति कृत संकल्प
प्रकृति का अनमोल उपहार हूँ
        नहीं उपकार ......
न जाने क्यूँ मानव के अधिकार.....!
या कंहू अनाधिकार......!!
कुल्हाड़े का वार आरे की धार.....!
होता रहा वार -पर-वार प्रहार .......
धरासायी मेरा परिवार .........!
जब भी गिरा धरती माँ की गोद में
नमन कर माना  आभार ......!
         चूँकि वृक्ष हूँ मैं .........
बहुत हो चूका मानवाधिकार ........
बंद करो कुल्हाड़े का वार प्रहार
बंद करो अत्याचार  मत करो
मेरा संहार .........!
जाने कब ! होगा शर्मशार ! मानवाधिकार ..........!
मुझे चाहिए वृक्षाधिकार...........!
मुझे चाहिए वृक्षाधिकार..........!!
अब तो सुनो वृक्ष की आर्तनाद भरी
पुकार..........!
मुझे चाहिए रक्षण-पोषण-और वरण
तभी बचेगा पर्यावरण ..........!
मुक्त पवन उन्मुक्त गगन में लेने दो
आकार .........!
जड़ नहीं चेतन हूँ में .......!
         चूँकि वृक्ष हूँ मैं
मुझे चाहिए वृक्षाधिकार ,मुझे चाहिए
          वृक्षाधिकार
सुनो वृक्ष की पुकार ..........!!!
✍स्वरचित रचना बी. डी .गुहा
रायपुर छतीसगढ़

Friday, June 23, 2017

यह कैसा लॉजिक है ,


*किसी भी सरकारी विभाग की Vacancy निकलती हैं तो उसकी फार्म फीस 500-700 होती ही हैं*


सरकार विद्यार्थियों से *पैसा कमाना* चाहती हैं या उन्हें *रोजगार देना* ??? अभी तक पता नहीं चला है ।



उदाहरण के लिए:-
पोस्ट होती हैं 50 (Seat)
फॉर्म पूरे भारत से भरवाते हैं ।



फॉर्म फीस होती हैं 500 रु ,
*50 लाख से 80 लाख विद्यार्थी* फॉर्म भरते हैं




_*आइये सरकार का फायदा देखते हैं*_


500 रु फॉर्म फीस × 50,00,000 विद्यार्थीयों ने फॉर्म भरें =
(कुल आय फॉर्म फीस से)
*2 अरब 50 करोड़ रु*




नौकरी देनी हैं 50 को
सैलेरी 25000 रु प्रति माह मान लेते , ज्यादा मानी गयी हैं इतनी होती नहीं हैं

25000 × 50 लोग = 12,50,000 महीना

12,50,000 × 12 महीने = 1 करोड़ 50 लाख

*चालीस साल की नौकरी करने पर*
1,50,00,000 × 40 साल = *60 करोड़*


सरकार की फॉर्म फीस कुल आय = *2 अरब 50 करोड़ रूपए*




*अप्पोइंटेड लोगों की 40 साल तक की सैलेरी*
60 करोड़ रु

2,50,00,00,000 - 60,00,00,000 = *1,90,00,00,000*




*सरकार की कुल आय = 1 अरब 90 करोड़ रु*



मेरा सवाल -  सरकार व विभाग से यह हैं कि आप विद्यार्थीयों को नौकरी देना चाहते हैं या
पैसा कमाना चाहते हैं ???

इस संदेश को अपने जान पहचान के लोगों को अवश्य बांटे...

Friday, June 2, 2017

*_जिसको जो कहना है कहने दो अपना क्या जाता है,_* *_ये वक्त वक्त की बात है और वक्त सबका आता है !!_*

*_जिसको जो कहना है कहने दो अपना क्या जाता है,_*
*_ये वक्त वक्त की बात है और वक्त सबका आता है !!_*

दूध वाले हडताल करते हें तो दूध सडक पर फेंकते हें टमाटर वाले हडताल करते हें तो टमाटर सडक पर फेंक देते हें न जाने bank वालों को कब अक्ल आएगी?😛😄😄😄😄

दूध वाले हडताल करते हें तो दूध सडक पर फेंकते हें
टमाटर वाले हडताल करते हें तो टमाटर सडक पर फेंक देते हें

न जाने bank वालों को कब अक्ल आएगी?😛😄😄😄😄

Monday, May 29, 2017

.बाहूबली यानि मैं.... इस ग्रुप और इसकी असंख्य प्रजा.. के मान और कमेंट की रक्षा करूँगा....और इसके लिए यदि मुझे अपना डेटा भी त्यागना पड़े..तो संकोच नहीं करूंगा..... मैं राजमाता *जिओ* को साक्षी मानकर ये शपथ लेता हूँ। .... जय माहिष्मति...... 😎😎🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹

.बाहूबली 
यानि मैं....

इस ग्रुप और इसकी असंख्य प्रजा.. के मान और कमेंट की रक्षा करूँगा....और इसके लिए यदि मुझे अपना डेटा भी त्यागना पड़े..तो संकोच नहीं करूंगा.....
   मैं राजमाता *जिओ* को साक्षी मानकर ये शपथ लेता हूँ।
....
जय माहिष्मति......
😎😎🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹

Thursday, May 25, 2017

आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां PCO न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो PCO बंद होने लगे.. फिर उन सब PCO वालों ने फोन का recharge बेचना शुरू कर दिया।अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है। आपने कभी ध्यान दिया है..? आजकल बाज़ार में हर तीसरी दूकान आजकल मोबाइल फोन की है। sale, service, recharge , accessories, repair, maintenance की। अब सब Paytm से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. Currency Note की जगह पहले Plastic Money ने ली और अब Digital हो गया है लेनदेन। दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे..। 1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए। आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे। चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है... Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है। Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है। US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Watson नामक Software पल भर में ज़्यादा बेहतर Legal Advice दे देता है। अगले 10 साल में US के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे... जो 10% बचेंगे... वो Super Specialists होंगे। Watson नामक Software मनुष्य की तुलना में Cancer का Diagnosis 4 गुना ज़्यादा Accuracy से करता है। 2030 तक Computer मनुष्य से ज़्यादा Intelligent हो जाएगा। 2018 तक Driverless Cars सड़कों पे उतरने लगेंगी। 2020 तक ये एक अकेला आविष्कार पूरी दुनिया को बदलने की शुरुआत कर देगा। अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% cars गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो Electric Cars होंगी या फिर Hybrid...सडकें खाली होंगी,Petrol की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे। आप Uber जैसे एक Software से Car मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक Driverless कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी Bike से भी सस्ती पड़ेगी। Cars के Driverless होने के कारण 99% Accidents होने बंद हो जायेंगे.. इस से Car Insurance नामक धन्धा बंद हो जाएगा। ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा।जब शहरों और सड़कों से 90% Cars गायब हो जायेंगी, तो Traffic और Parking जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी...क्योंकि एक कार आज की 20 Cars के बराबर होगी। *समय के साथ बदलने की तैयारी करो।* 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 HMT *(घडी)* BAJAJ *(स्कूटर)* DYNORA *(टीवी)* MURPHY *(रेडियो)* NOKIA *(मोबाइल)* RAJDOOT *(बाईक)* AMBASDO *( कार)* 👉 मित्रों..इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए.!! कारण... *समयके साथ बदलाव* *नहीं किया.!!* इसलिए... व्यक्तिको समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने *स्वभावमें भी बदलाव* करते रहना चाहिएँ.!! 👉 *Update & Upgrade* *Time to Time.!!* समयके साथ चलिये और सफलता पाईये । 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 *SUCCESS MANTRA*

आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां PCO न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो PCO बंद होने लगे.. फिर उन सब PCO वालों ने फोन का recharge बेचना शुरू कर दिया।अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है।

आपने कभी ध्यान दिया है..?

आजकल बाज़ार में हर तीसरी दूकान आजकल मोबाइल फोन की है।
sale, service, recharge , accessories, repair, maintenance की।

अब सब Paytm से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. Currency Note की जगह पहले Plastic Money ने ली और अब Digital हो गया है लेनदेन।

दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे..।

1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए।

आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे।

चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है...

Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है।

Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है।

US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Watson नामक Software पल भर में ज़्यादा बेहतर Legal Advice दे देता है। अगले 10 साल में US के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे... जो 10% बचेंगे... वो Super Specialists होंगे।

Watson नामक Software मनुष्य की तुलना में Cancer का Diagnosis 4 गुना ज़्यादा Accuracy से करता है। 2030 तक Computer मनुष्य से ज़्यादा Intelligent हो जाएगा।

2018 तक Driverless Cars सड़कों पे उतरने लगेंगी। 2020 तक ये एक अकेला आविष्कार पूरी दुनिया को बदलने की शुरुआत कर देगा।

अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% cars गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो Electric Cars होंगी या फिर Hybrid...सडकें खाली होंगी,Petrol की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे।

आप Uber जैसे एक Software से Car मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक Driverless कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी Bike से भी सस्ती पड़ेगी।

Cars के Driverless होने के कारण 99% Accidents होने बंद हो जायेंगे.. इस से Car Insurance नामक धन्धा बंद हो जाएगा।

ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा।जब शहरों और सड़कों से 90% Cars गायब हो जायेंगी, तो Traffic और Parking जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी...क्योंकि एक कार आज की 20 Cars के बराबर होगी।

*समय के साथ बदलने की तैयारी करो।*
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

HMT *(घडी)*
BAJAJ *(स्कूटर)*
DYNORA *(टीवी)*
MURPHY *(रेडियो)*
NOKIA *(मोबाइल)*
RAJDOOT *(बाईक)*
AMBASDO *( कार)*

👉 मित्रों..इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए.!!
कारण...
*समयके साथ बदलाव*
*नहीं किया.!!*

इसलिए...
व्यक्तिको समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने
*स्वभावमें भी बदलाव*
करते रहना चाहिएँ.!!
👉 *Update & Upgrade*
*Time to Time.!!*
समयके साथ चलिये और सफलता पाईये ।
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

*SUCCESS MANTRA*

Sweet Message : Baby mosquito came back after its first flying experience... His Dad asked him, "How did U feel ?" He replied "It was wonderful Daddy... All humans clapped hands for me!" Moral :- Life is too Beautiful, it depends on our *"way of thinking"*..

Sweet Message :

Baby mosquito came back after its first flying experience... His Dad asked him, "How did U feel ?"
He replied "It was wonderful Daddy... All humans clapped hands for me!"

Moral :- Life is too Beautiful, it depends on our *"way of thinking"*..

🤔 ज़िन्दगी में जितना *एंजोय का ग्राफ़* बढ़ाओगे.. *एंजोग्राफ़ी* से उतना दूर रहोगे..! 🌾🍁शुभ रात्री🍁🌾

🤔

ज़िन्दगी में जितना *एंजोय का ग्राफ़* बढ़ाओगे..

*एंजोग्राफ़ी* से उतना दूर रहोगे..!
🌾🍁शुभ रात्री🍁🌾

​👏 जिंदगी एक तीन पेज की पुस्तक की तरह है ! पहला और अंतिम पेज भगवान ने लिख दिया है : पहला पेज ” जन्म ” .., अंतिम पेज ” मृत्यु ” !!! बीच के पेज को , हमें भरना है ; ” * प्यार * ” , ” * विश्वास * ” और ” * मुस्कराहट * ” के द्वारा !!! 🌷🍃🙏 good morning🙏🍃🌷

​👏 जिंदगी एक तीन पेज की पुस्तक की तरह है !

पहला और अंतिम पेज भगवान ने लिख दिया है : पहला पेज ” जन्म ” .., अंतिम पेज ” मृत्यु ” !!!

बीच के पेज को , हमें भरना है ; ” * प्यार * ” , ” * विश्वास * ” और ” * मुस्कराहट * ” के द्वारा !!!

🌷🍃🙏 good morning🙏🍃🌷

The plus symbol is made with 2 minus symbols. So all Negative things can be shaped as Positives by our Positive thinking! Good Morning 😊

The plus symbol is made with 2 minus symbols. So all Negative things can be shaped as Positives by our Positive thinking!

Good Morning 😊

Never let your past experiences harm your future, because your past can't be altered and your future doesn't deserve the punishment...

Never let your past experiences harm your future, because your past can't be altered and your future doesn't deserve the punishment...

प्रेम से भरी हुईं आँखें श्रद्धा से झुका हुआ सर सहयोग करते हुऐ हाथ सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव और सत्य से जुडी हुई जीभ ईश्वर को बहुत पसंद है 🕉🙏 🙏 सुप्रभात🙏 🌿आप का दिन शुभ हो🌿

प्रेम से भरी हुईं आँखें
श्रद्धा से झुका हुआ सर
सहयोग करते हुऐ हाथ
सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव
और सत्य से जुडी हुई जीभ
ईश्वर को बहुत पसंद है 🕉🙏

  🙏 सुप्रभात🙏
🌿आप का दिन शुभ हो🌿

Ⓜ kya khoob likha hai kisine आगे सफर था और पीछे हमसफर था.. रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता.. मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी.. ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता... मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते.... यूँ समँझ लो, प्यास लगी थी गजब की... मगर पानी मे जहर था... पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते. बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!! ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!! वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!! सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!! सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।। आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।। "हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!! "शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी, पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता".. अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!! जवानी का लालच दे के बचपन ले गया.... अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ...... लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा, आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ। बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल - "बङे हो कर क्या बनना है ?" जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है. “थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!” दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली... बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!! भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की. जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया, शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे, अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!! हंसने की इच्छा ना हो... तो भी हसना पड़ता है... . कोई जब पूछे कैसे हो...?? तो मजे में हूँ कहना पड़ता है... . ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों.... यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है. "माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती... यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!" दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं, पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि जीवन में मंगल है या नहीं। मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि... पत्थरों को मनाने में , फूलों का क़त्ल कर आए हम गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने .... वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।। अगर दिल को छु जाये तो याद करना 🙏

Ⓜ kya khoob likha hai kisine

आगे सफर था और पीछे हमसफर था..

रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..



मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..


ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...

मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था

रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....


यूँ समँझ लो,

प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...


पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.




बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!



वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!



सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।




"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!



"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,

पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....

अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......




लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.

“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...

बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!

भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.

जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!

हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.

ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.

"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"

दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,

पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।

मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...

पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम

गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।

अगर दिल को छु जाये तो याद करना 🙏

People will try to break you, People will in all hate you, But, you must stand tall in life, That is how you will survive! 👑Good Morning👑

People will try to break you,
People will in all hate you,
But, you must stand tall in life,
That is how you will survive!
👑Good Morning👑

*यदि कोई बेटी शब्द् का अर्थ* *जानना चाहता है तो यह तस्वीर जरूर देखे😊🙏*

*यदि कोई बेटी शब्द् का अर्थ* *जानना चाहता है तो यह तस्वीर जरूर देखे😊🙏*

मैंने अपने कॉलेज के एक पुराने मित्र को याद कर फ़ोन लगाया और पूछा " और क्या हो रहा है आजकल ?" उसने अंग्रेज़ी में जवाब दिया " Hey bro Currently I am working on : Aqua-thermal treatment of ceramics, aluminium and steel under a constrained environment मैं बड़ा प्रभावित हुआ बाद में सोच सोच के दिमाग़ पर ज़ोर डाला तो समझ आया हरामखोर बर्तन धो रहा था गरम पानी में .......वो भी बीवी की निगरानी में .. The beauty of English is infinite!🤣😜😂🤣😜

मैंने अपने कॉलेज के एक पुराने मित्र को याद कर फ़ोन लगाया और पूछा " और क्या हो रहा है आजकल ?"
उसने अंग्रेज़ी में जवाब दिया " Hey bro Currently I am working on :
Aqua-thermal treatment of ceramics, aluminium and steel under a constrained environment
मैं बड़ा प्रभावित हुआ
बाद में सोच सोच के दिमाग़ पर ज़ोर डाला तो समझ आया हरामखोर बर्तन धो रहा था गरम पानी में .......वो भी बीवी की निगरानी में ..
The beauty of English is infinite!🤣😜😂🤣😜

प्रश्न : *पत्नी क्या है???* उत्तर : *पत्नी वो शक्ति है जिसके घूरने मात्र से लौकी की सब्ज़ी में पनीर का स्वाद आने लगता है..*!😉

प्रश्न : *पत्नी क्या है???*

उत्तर : *पत्नी  वो शक्ति है जिसके घूरने मात्र से लौकी की सब्ज़ी में पनीर का स्वाद आने लगता है..*!😉

. 😜 🙏 Wife joins English speaking class. (After few days) Wife: Welcome home darling. Husband: I am so tired today. Wife: ok darling, Rest in peace! 😂😂😂😂

.
                       😜
                       🙏

                 Wife joins
    English speaking class.
            (After few days)
                    
Wife: Welcome home darling.
              
Husband: I am so tired today.
                    
Wife: ok darling, Rest in peace!
😂😂😂😂

*पानी में डूबकी लगाकर तीर्थ किये हजार,* *इनसे क्या होगा अगर बदले नहीं विचार..!!*

*पानी में डूबकी लगाकर तीर्थ किये हजार,*

*इनसे क्या होगा अगर बदले नहीं विचार..!!*

😋 किसी ने मुझसे पूछा क्या आप WhatsApp पर ग्रुप चलाते हो ?????? 😀 मैंने कहा नहीं! हम सेठ लोग हैं, हमने Admin रखा हुआ है..।। ☺😜😄😄😄

😋 किसी ने मुझसे पूछा
क्या आप WhatsApp पर
ग्रुप चलाते हो ??????

😀 मैंने कहा
नहीं!
हम सेठ लोग हैं,
हमने Admin रखा हुआ है..।।
☺😜😄😄😄

माँ पर मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा गीत “उसको नही देखा हमने कभी, पर इसकी जरूरत क्या होगी, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी“, मुझे स्ट्राईक किया ,,,,, ये गीत विविध भारती पर खूब बजता था। उस वक्त गीत के बोलों और भाव से ज्यादा घोड़ों के टापूओं (खुरों) की “टक टक” की आवाज ज्यादा अच्छी लगती थी, फिर धीरे धीरे उम्र बढ़ी और “टक टक” की आवाज दूर होती गयी और उसकी जगह माँ के प्रति प्यार के भावों ने ले ली। इस गीत को 1966 में रीलिज हुई फिल्म “दादी माँ” के लिये मन्ना दा और महेन्द्र कपूर ने गाया था और संगीत दिया था रोशन ने। फिल्म में मुख्य भूमिका में थे अशोक कुमार, माँ का किरदार किया था बीना रॉय ने, दादी माँ बनी थी दुर्गा खोटे। ये गीत फिल्माया गया था बीना रॉय, दिलीप राज और काशीनाथ के ऊपर। आज दुनिया की सभी माँओं को ये गीत समर्पित है - उसको नहीं देखा हम ने कभी पर इसकी ज़रूरत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… इंसान तो क्या देवता भी आँचल में पले तेरे है स्वर्ग इसी दुनिया में कदमों के तले तेरे ममता ही लुटाये जिसके नयन ओ ओ… ममता ही लुटाये जिसके नयन ऐसी कोई मूरत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… क्यूँ धुप जलाये दुखो की क्यूँ ग़म की घटा बरसे ये हाथ दुआओं वाले रहते हैं सदा सर पे तू है तो अंधेरे पथ में हमें ओ ओ.. तू है तो अंधेरे पथ में हमें सूरज की ज़रूरत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… कहते हैं तेरी शान में जो कोई ऊँचे बोल नहीं भगवान के पास भी माता तेरे प्यार का मोल नहीं हम तो ये ही जाने तुझ से बड़ी ओ ओ.. हम तो ये ही जाने तुझ से बड़ी संसार की दौलत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… पर इसकी ज़रूरत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… इस पोस्ट का फिलहाल अंत कुंवर बेचैन जी की लिखी इन चंद लाइनों के साथ - अभी उफनती हुई नदी हो, अभी नदी का उतार हो माँ, रहो किसी भी दशा-दिशा में, तुम अपने बच्चों का प्यार हो माँ। नरम सी बाहों में खुद झुलाया, सुना के लोरी हमें सुलाया , जो नींद भर कर कभी न सोई, जनम-जनम की जगार हो माँ।

माँ पर मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा गीत “उसको नही देखा हमने कभी, पर इसकी जरूरत क्या होगी, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी“, मुझे स्ट्राईक किया ,,,,, ये गीत विविध भारती पर  खूब बजता था। उस वक्त गीत के बोलों और भाव से ज्यादा घोड़ों के टापूओं (खुरों) की “टक टक” की आवाज ज्यादा अच्छी लगती थी, फिर धीरे धीरे उम्र बढ़ी और “टक टक” की आवाज दूर होती गयी और उसकी जगह माँ के प्रति प्यार के भावों ने ले ली।
इस गीत को 1966 में रीलिज हुई फिल्म “दादी माँ” के लिये मन्ना दा और महेन्द्र कपूर ने गाया था और संगीत दिया था रोशन ने।
फिल्म में मुख्य भूमिका में थे अशोक कुमार, माँ का किरदार किया था बीना रॉय ने, दादी माँ बनी थी दुर्गा खोटे। ये गीत फिल्माया गया था बीना रॉय, दिलीप राज और काशीनाथ के ऊपर।
आज दुनिया की सभी माँओं को ये गीत समर्पित है -
उसको नहीं देखा हम ने कभी
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…
इंसान तो क्या देवता भी
आँचल में पले तेरे
है स्वर्ग इसी दुनिया में
कदमों के तले तेरे
ममता ही लुटाये जिसके नयन ओ ओ…
ममता ही लुटाये जिसके नयन
ऐसी कोई मूरत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…
क्यूँ धुप जलाये दुखो की
क्यूँ ग़म की घटा बरसे
ये हाथ दुआओं वाले
रहते हैं सदा सर पे
तू है तो अंधेरे पथ में हमें ओ ओ..
तू है तो अंधेरे पथ में हमें
सूरज की ज़रूरत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…
कहते हैं तेरी शान में जो
कोई ऊँचे बोल नहीं
भगवान के पास भी माता
तेरे प्यार का मोल नहीं
हम तो ये ही जाने तुझ से बड़ी ओ ओ..
हम तो ये ही जाने तुझ से बड़ी
संसार की दौलत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…

इस पोस्ट का फिलहाल अंत कुंवर बेचैन जी की लिखी इन चंद लाइनों के साथ -
अभी उफनती हुई नदी हो,
अभी नदी का उतार हो माँ,
रहो किसी भी दशा-दिशा में,
तुम अपने बच्चों का प्यार हो माँ।
नरम सी बाहों में खुद झुलाया,
सुना के लोरी हमें सुलाया ,
जो नींद भर कर कभी न सोई,
जनम-जनम की जगार हो माँ।

🌞⛳*"शुभ प्रभात"*⛳🌞 *जीवन में गर खुश रहना है तो,* *स्वयं को वह शांत सरोवर बनाए.....* *जिसमें कोई अंगारा भी फेंके तो,* *खुद बख़ुद बुझ जाए.....!!!!!* , , - 🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉 राधे राधे 🙏🏻

🌞⛳*"शुभ प्रभात"*⛳🌞

*जीवन में गर खुश रहना है तो,*
*स्वयं को वह शांत सरोवर बनाए.....*
*जिसमें कोई अंगारा भी फेंके तो,*
*खुद बख़ुद बुझ                        जाए.....!!!!!*           ,      ,         -
🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉 राधे राधे 🙏🏻

एक पत्थर सिर्फ एक बार *मंदिर जाता है और* *भगवान बन जाता है*.. *हम इंसान हर रोज* *मंदिर जाते हैं* *भगवान तो दूर* *इंसान भी नहीं बन पाते है*..

एक पत्थर सिर्फ एक बार
*मंदिर जाता है और*
*भगवान बन जाता है*..

*हम इंसान हर रोज*
*मंदिर जाते हैं*
*भगवान तो दूर*
*इंसान भी नहीं बन पाते है*..

क्षणिका ......... पर्यावरण बदल रहा ........! वृथा कल्पना शुष्क पथरीले पैचाशिक विचार......... मन-भावना कुलषित....... नहीं रहा संयम त्याग सदविचार......... कहते है .....! पर्यावरण बदल रहा ........ स्वार्थ लोभ छल-कपट समय बना विकट........ राग,द्वेष "अपनों"पर "अपना" नहीं रहा "अनुराग " पर्यावरण बदल रहा.......! बी.डी.गुहा रायपुर छत्तीसगढ़✍😳😇🙏

क्षणिका .........
पर्यावरण बदल रहा ........!
वृथा कल्पना
शुष्क पथरीले पैचाशिक विचार.........
मन-भावना कुलषित.......
नहीं रहा संयम त्याग सदविचार.........
कहते है .....!
पर्यावरण बदल रहा ........
स्वार्थ लोभ छल-कपट
समय बना विकट........
राग,द्वेष "अपनों"पर "अपना"
नहीं रहा "अनुराग "
पर्यावरण बदल रहा.......!
बी.डी.गुहा रायपुर
छत्तीसगढ़✍😳😇🙏

ये कहानी आपको झकझोर देगी 2 मिनट में एक अच्छी सीख अवश्य पढ़ें.... एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये! हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ?? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा ! भटकते भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे ! रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर से चिल्लाने लगा। हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है। हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ?? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही। पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था। सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो। हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद! यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो। हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ?? अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है! उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये। कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी। पंचलोग भी आ गये! बोले- भाई किस बात का विवाद है ?? लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है! लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे। हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए! फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है! यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया। उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली! रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ मित्र हंस, रुको! हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ?? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ? उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी! लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है! मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है। यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं! शायद 65 साल की आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार की योग्यता न देखते हुए, हमेशा ये हमारी जाति का है. ये हमारी पार्टी का है के आधार पर अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैँ! "कहानी" अच्छी लगे तो आगे भी बढ़ा दें..

ये कहानी आपको झकझोर देगी 2 मिनट में एक अच्छी सीख अवश्य पढ़ें....

एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!

हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ??

यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !

भटकते भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे !

रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था।

वह जोर से चिल्लाने लगा।

हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते।

ये उल्लू चिल्ला रहा है।

हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ??

ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।

पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था।

सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो।

हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद!

यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा

पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।

हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ??

अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है!

उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है।

दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये।

कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी।

पंचलोग भी आ गये!

बोले- भाई किस बात का विवाद है ??

लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है!

लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।

हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है।

इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए!

फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है!

यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।

उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली!

रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ मित्र हंस, रुको!

हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ??

पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ?

उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी!

लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है!

मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है।

यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं!

शायद 65 साल की आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार की योग्यता न देखते हुए, हमेशा ये हमारी जाति का है. ये हमारी पार्टी का है के आधार पर अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैँ!

"कहानी" अच्छी लगे तो आगे भी बढ़ा दें..