Monday, May 29, 2017

.बाहूबली यानि मैं.... इस ग्रुप और इसकी असंख्य प्रजा.. के मान और कमेंट की रक्षा करूँगा....और इसके लिए यदि मुझे अपना डेटा भी त्यागना पड़े..तो संकोच नहीं करूंगा..... मैं राजमाता *जिओ* को साक्षी मानकर ये शपथ लेता हूँ। .... जय माहिष्मति...... 😎😎🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹

.बाहूबली 
यानि मैं....

इस ग्रुप और इसकी असंख्य प्रजा.. के मान और कमेंट की रक्षा करूँगा....और इसके लिए यदि मुझे अपना डेटा भी त्यागना पड़े..तो संकोच नहीं करूंगा.....
   मैं राजमाता *जिओ* को साक्षी मानकर ये शपथ लेता हूँ।
....
जय माहिष्मति......
😎😎🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹🏹

Thursday, May 25, 2017

आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां PCO न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो PCO बंद होने लगे.. फिर उन सब PCO वालों ने फोन का recharge बेचना शुरू कर दिया।अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है। आपने कभी ध्यान दिया है..? आजकल बाज़ार में हर तीसरी दूकान आजकल मोबाइल फोन की है। sale, service, recharge , accessories, repair, maintenance की। अब सब Paytm से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. Currency Note की जगह पहले Plastic Money ने ली और अब Digital हो गया है लेनदेन। दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे..। 1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए। आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे। चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है... Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है। Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है। US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Watson नामक Software पल भर में ज़्यादा बेहतर Legal Advice दे देता है। अगले 10 साल में US के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे... जो 10% बचेंगे... वो Super Specialists होंगे। Watson नामक Software मनुष्य की तुलना में Cancer का Diagnosis 4 गुना ज़्यादा Accuracy से करता है। 2030 तक Computer मनुष्य से ज़्यादा Intelligent हो जाएगा। 2018 तक Driverless Cars सड़कों पे उतरने लगेंगी। 2020 तक ये एक अकेला आविष्कार पूरी दुनिया को बदलने की शुरुआत कर देगा। अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% cars गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो Electric Cars होंगी या फिर Hybrid...सडकें खाली होंगी,Petrol की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे। आप Uber जैसे एक Software से Car मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक Driverless कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी Bike से भी सस्ती पड़ेगी। Cars के Driverless होने के कारण 99% Accidents होने बंद हो जायेंगे.. इस से Car Insurance नामक धन्धा बंद हो जाएगा। ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा।जब शहरों और सड़कों से 90% Cars गायब हो जायेंगी, तो Traffic और Parking जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी...क्योंकि एक कार आज की 20 Cars के बराबर होगी। *समय के साथ बदलने की तैयारी करो।* 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 HMT *(घडी)* BAJAJ *(स्कूटर)* DYNORA *(टीवी)* MURPHY *(रेडियो)* NOKIA *(मोबाइल)* RAJDOOT *(बाईक)* AMBASDO *( कार)* 👉 मित्रों..इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए.!! कारण... *समयके साथ बदलाव* *नहीं किया.!!* इसलिए... व्यक्तिको समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने *स्वभावमें भी बदलाव* करते रहना चाहिएँ.!! 👉 *Update & Upgrade* *Time to Time.!!* समयके साथ चलिये और सफलता पाईये । 🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 *SUCCESS MANTRA*

आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां PCO न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो PCO बंद होने लगे.. फिर उन सब PCO वालों ने फोन का recharge बेचना शुरू कर दिया।अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है।

आपने कभी ध्यान दिया है..?

आजकल बाज़ार में हर तीसरी दूकान आजकल मोबाइल फोन की है।
sale, service, recharge , accessories, repair, maintenance की।

अब सब Paytm से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. Currency Note की जगह पहले Plastic Money ने ली और अब Digital हो गया है लेनदेन।

दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे..।

1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए।

आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे।

चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है...

Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है।

Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है।

US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Watson नामक Software पल भर में ज़्यादा बेहतर Legal Advice दे देता है। अगले 10 साल में US के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे... जो 10% बचेंगे... वो Super Specialists होंगे।

Watson नामक Software मनुष्य की तुलना में Cancer का Diagnosis 4 गुना ज़्यादा Accuracy से करता है। 2030 तक Computer मनुष्य से ज़्यादा Intelligent हो जाएगा।

2018 तक Driverless Cars सड़कों पे उतरने लगेंगी। 2020 तक ये एक अकेला आविष्कार पूरी दुनिया को बदलने की शुरुआत कर देगा।

अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% cars गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो Electric Cars होंगी या फिर Hybrid...सडकें खाली होंगी,Petrol की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे।

आप Uber जैसे एक Software से Car मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक Driverless कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी Bike से भी सस्ती पड़ेगी।

Cars के Driverless होने के कारण 99% Accidents होने बंद हो जायेंगे.. इस से Car Insurance नामक धन्धा बंद हो जाएगा।

ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा।जब शहरों और सड़कों से 90% Cars गायब हो जायेंगी, तो Traffic और Parking जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी...क्योंकि एक कार आज की 20 Cars के बराबर होगी।

*समय के साथ बदलने की तैयारी करो।*
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

HMT *(घडी)*
BAJAJ *(स्कूटर)*
DYNORA *(टीवी)*
MURPHY *(रेडियो)*
NOKIA *(मोबाइल)*
RAJDOOT *(बाईक)*
AMBASDO *( कार)*

👉 मित्रों..इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए.!!
कारण...
*समयके साथ बदलाव*
*नहीं किया.!!*

इसलिए...
व्यक्तिको समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने
*स्वभावमें भी बदलाव*
करते रहना चाहिएँ.!!
👉 *Update & Upgrade*
*Time to Time.!!*
समयके साथ चलिये और सफलता पाईये ।
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁

*SUCCESS MANTRA*

Sweet Message : Baby mosquito came back after its first flying experience... His Dad asked him, "How did U feel ?" He replied "It was wonderful Daddy... All humans clapped hands for me!" Moral :- Life is too Beautiful, it depends on our *"way of thinking"*..

Sweet Message :

Baby mosquito came back after its first flying experience... His Dad asked him, "How did U feel ?"
He replied "It was wonderful Daddy... All humans clapped hands for me!"

Moral :- Life is too Beautiful, it depends on our *"way of thinking"*..

🤔 ज़िन्दगी में जितना *एंजोय का ग्राफ़* बढ़ाओगे.. *एंजोग्राफ़ी* से उतना दूर रहोगे..! 🌾🍁शुभ रात्री🍁🌾

🤔

ज़िन्दगी में जितना *एंजोय का ग्राफ़* बढ़ाओगे..

*एंजोग्राफ़ी* से उतना दूर रहोगे..!
🌾🍁शुभ रात्री🍁🌾

​👏 जिंदगी एक तीन पेज की पुस्तक की तरह है ! पहला और अंतिम पेज भगवान ने लिख दिया है : पहला पेज ” जन्म ” .., अंतिम पेज ” मृत्यु ” !!! बीच के पेज को , हमें भरना है ; ” * प्यार * ” , ” * विश्वास * ” और ” * मुस्कराहट * ” के द्वारा !!! 🌷🍃🙏 good morning🙏🍃🌷

​👏 जिंदगी एक तीन पेज की पुस्तक की तरह है !

पहला और अंतिम पेज भगवान ने लिख दिया है : पहला पेज ” जन्म ” .., अंतिम पेज ” मृत्यु ” !!!

बीच के पेज को , हमें भरना है ; ” * प्यार * ” , ” * विश्वास * ” और ” * मुस्कराहट * ” के द्वारा !!!

🌷🍃🙏 good morning🙏🍃🌷

The plus symbol is made with 2 minus symbols. So all Negative things can be shaped as Positives by our Positive thinking! Good Morning 😊

The plus symbol is made with 2 minus symbols. So all Negative things can be shaped as Positives by our Positive thinking!

Good Morning 😊

Never let your past experiences harm your future, because your past can't be altered and your future doesn't deserve the punishment...

Never let your past experiences harm your future, because your past can't be altered and your future doesn't deserve the punishment...

प्रेम से भरी हुईं आँखें श्रद्धा से झुका हुआ सर सहयोग करते हुऐ हाथ सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव और सत्य से जुडी हुई जीभ ईश्वर को बहुत पसंद है 🕉🙏 🙏 सुप्रभात🙏 🌿आप का दिन शुभ हो🌿

प्रेम से भरी हुईं आँखें
श्रद्धा से झुका हुआ सर
सहयोग करते हुऐ हाथ
सन्मार्ग पर चलते हुए पाँव
और सत्य से जुडी हुई जीभ
ईश्वर को बहुत पसंद है 🕉🙏

  🙏 सुप्रभात🙏
🌿आप का दिन शुभ हो🌿

Ⓜ kya khoob likha hai kisine आगे सफर था और पीछे हमसफर था.. रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता.. मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी.. ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता... मुद्दत का सफर भी था और बरसो का हमसफर भी था रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते.... यूँ समँझ लो, प्यास लगी थी गजब की... मगर पानी मे जहर था... पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते. बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!! ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!! वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!! सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!! सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।। आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।। "हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!! "शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी, पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने, वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता".. अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!! जवानी का लालच दे के बचपन ले गया.... अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ...... लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा, आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ। बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल - "बङे हो कर क्या बनना है ?" जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है. “थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!” दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली... बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!! भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की. जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया, शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे, अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!! हंसने की इच्छा ना हो... तो भी हसना पड़ता है... . कोई जब पूछे कैसे हो...?? तो मजे में हूँ कहना पड़ता है... . ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों.... यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है. "माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती... यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!" दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट, ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं, पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा कि जीवन में मंगल है या नहीं। मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि... पत्थरों को मनाने में , फूलों का क़त्ल कर आए हम गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने .... वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।। अगर दिल को छु जाये तो याद करना 🙏

Ⓜ kya khoob likha hai kisine

आगे सफर था और पीछे हमसफर था..

रूकते तो सफर छूट जाता और चलते तो हमसफर छूट जाता..



मंजिल की भी हसरत थी और उनसे भी मोहब्बत थी..


ए दिल तू ही बता,उस वक्त मैं कहाँ जाता...

मुद्दत का सफर भी था और बरसो
का हमसफर भी था

रूकते तो बिछड जाते और चलते तो बिखर जाते....


यूँ समँझ लो,

प्यास लगी थी गजब की...
मगर पानी मे जहर था...


पीते तो मर जाते और ना पीते तो भी मर जाते.




बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी हुई, ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!



वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!



सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।।
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।




"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!



"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,

पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"..
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी!!!!
जवानी का लालच दे के बचपन ले गया....

अब अमीरी का लालच दे के जवानी ले जाएगा. ......




लौट आता हूँ वापस घर की तरफ... हर रोज़ थका-हारा,
आज तक समझ नहीं आया की जीने के लिए काम करता हूँ या काम करने के लिए जीता हूँ।
बचपन में सबसे अधिक बार पूछा गया सवाल -
"बङे हो कर क्या बनना है ?"
जवाब अब मिला है, - "फिर से बच्चा बनना है.

“थक गया हूँ तेरी नौकरी से ऐ जिन्दगी
मुनासिब होगा मेरा हिसाब कर दे...!!”

दोस्तों से बिछड़ कर यह हकीकत खुली...

बेशक, कमीने थे पर रौनक उन्ही से थी!!

भरी जेब ने ' दुनिया ' की पहेचान करवाई और खाली जेब ने ' अपनो ' की.

जब लगे पैसा कमाने, तो समझ आया,
शौक तो मां-बाप के पैसों से पुरे होते थे,
अपने पैसों से तो सिर्फ जरूरतें पुरी होती है। ...!!!

हंसने की इच्छा ना हो...
तो भी हसना पड़ता है...
.
कोई जब पूछे कैसे हो...??
तो मजे में हूँ कहना पड़ता है...
.

ये ज़िन्दगी का रंगमंच है दोस्तों....
यहाँ हर एक को नाटक करना पड़ता है.

"माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!"

दुनिया के बड़े से बड़े साइंटिस्ट,
ये ढूँढ रहे है की मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं,

पर आदमी ये नहीं ढूँढ रहा
कि जीवन में मंगल है या नहीं।

मंदिर में फूल चढ़ा कर आए तो यह एहसास हुआ कि...

पत्थरों को मनाने में ,
फूलों का क़त्ल कर आए हम

गए थे गुनाहों की माफ़ी माँगने ....
वहाँ एक और गुनाह कर आए हम ।।

अगर दिल को छु जाये तो याद करना 🙏

People will try to break you, People will in all hate you, But, you must stand tall in life, That is how you will survive! 👑Good Morning👑

People will try to break you,
People will in all hate you,
But, you must stand tall in life,
That is how you will survive!
👑Good Morning👑

*यदि कोई बेटी शब्द् का अर्थ* *जानना चाहता है तो यह तस्वीर जरूर देखे😊🙏*

*यदि कोई बेटी शब्द् का अर्थ* *जानना चाहता है तो यह तस्वीर जरूर देखे😊🙏*

मैंने अपने कॉलेज के एक पुराने मित्र को याद कर फ़ोन लगाया और पूछा " और क्या हो रहा है आजकल ?" उसने अंग्रेज़ी में जवाब दिया " Hey bro Currently I am working on : Aqua-thermal treatment of ceramics, aluminium and steel under a constrained environment मैं बड़ा प्रभावित हुआ बाद में सोच सोच के दिमाग़ पर ज़ोर डाला तो समझ आया हरामखोर बर्तन धो रहा था गरम पानी में .......वो भी बीवी की निगरानी में .. The beauty of English is infinite!🤣😜😂🤣😜

मैंने अपने कॉलेज के एक पुराने मित्र को याद कर फ़ोन लगाया और पूछा " और क्या हो रहा है आजकल ?"
उसने अंग्रेज़ी में जवाब दिया " Hey bro Currently I am working on :
Aqua-thermal treatment of ceramics, aluminium and steel under a constrained environment
मैं बड़ा प्रभावित हुआ
बाद में सोच सोच के दिमाग़ पर ज़ोर डाला तो समझ आया हरामखोर बर्तन धो रहा था गरम पानी में .......वो भी बीवी की निगरानी में ..
The beauty of English is infinite!🤣😜😂🤣😜

प्रश्न : *पत्नी क्या है???* उत्तर : *पत्नी वो शक्ति है जिसके घूरने मात्र से लौकी की सब्ज़ी में पनीर का स्वाद आने लगता है..*!😉

प्रश्न : *पत्नी क्या है???*

उत्तर : *पत्नी  वो शक्ति है जिसके घूरने मात्र से लौकी की सब्ज़ी में पनीर का स्वाद आने लगता है..*!😉

. 😜 🙏 Wife joins English speaking class. (After few days) Wife: Welcome home darling. Husband: I am so tired today. Wife: ok darling, Rest in peace! 😂😂😂😂

.
                       😜
                       🙏

                 Wife joins
    English speaking class.
            (After few days)
                    
Wife: Welcome home darling.
              
Husband: I am so tired today.
                    
Wife: ok darling, Rest in peace!
😂😂😂😂

*पानी में डूबकी लगाकर तीर्थ किये हजार,* *इनसे क्या होगा अगर बदले नहीं विचार..!!*

*पानी में डूबकी लगाकर तीर्थ किये हजार,*

*इनसे क्या होगा अगर बदले नहीं विचार..!!*

😋 किसी ने मुझसे पूछा क्या आप WhatsApp पर ग्रुप चलाते हो ?????? 😀 मैंने कहा नहीं! हम सेठ लोग हैं, हमने Admin रखा हुआ है..।। ☺😜😄😄😄

😋 किसी ने मुझसे पूछा
क्या आप WhatsApp पर
ग्रुप चलाते हो ??????

😀 मैंने कहा
नहीं!
हम सेठ लोग हैं,
हमने Admin रखा हुआ है..।।
☺😜😄😄😄

माँ पर मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा गीत “उसको नही देखा हमने कभी, पर इसकी जरूरत क्या होगी, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी“, मुझे स्ट्राईक किया ,,,,, ये गीत विविध भारती पर खूब बजता था। उस वक्त गीत के बोलों और भाव से ज्यादा घोड़ों के टापूओं (खुरों) की “टक टक” की आवाज ज्यादा अच्छी लगती थी, फिर धीरे धीरे उम्र बढ़ी और “टक टक” की आवाज दूर होती गयी और उसकी जगह माँ के प्रति प्यार के भावों ने ले ली। इस गीत को 1966 में रीलिज हुई फिल्म “दादी माँ” के लिये मन्ना दा और महेन्द्र कपूर ने गाया था और संगीत दिया था रोशन ने। फिल्म में मुख्य भूमिका में थे अशोक कुमार, माँ का किरदार किया था बीना रॉय ने, दादी माँ बनी थी दुर्गा खोटे। ये गीत फिल्माया गया था बीना रॉय, दिलीप राज और काशीनाथ के ऊपर। आज दुनिया की सभी माँओं को ये गीत समर्पित है - उसको नहीं देखा हम ने कभी पर इसकी ज़रूरत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… इंसान तो क्या देवता भी आँचल में पले तेरे है स्वर्ग इसी दुनिया में कदमों के तले तेरे ममता ही लुटाये जिसके नयन ओ ओ… ममता ही लुटाये जिसके नयन ऐसी कोई मूरत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… क्यूँ धुप जलाये दुखो की क्यूँ ग़म की घटा बरसे ये हाथ दुआओं वाले रहते हैं सदा सर पे तू है तो अंधेरे पथ में हमें ओ ओ.. तू है तो अंधेरे पथ में हमें सूरज की ज़रूरत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… कहते हैं तेरी शान में जो कोई ऊँचे बोल नहीं भगवान के पास भी माता तेरे प्यार का मोल नहीं हम तो ये ही जाने तुझ से बड़ी ओ ओ.. हम तो ये ही जाने तुझ से बड़ी संसार की दौलत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… पर इसकी ज़रूरत क्या होगी ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी उसको नहीं देखा हम ने कभी… इस पोस्ट का फिलहाल अंत कुंवर बेचैन जी की लिखी इन चंद लाइनों के साथ - अभी उफनती हुई नदी हो, अभी नदी का उतार हो माँ, रहो किसी भी दशा-दिशा में, तुम अपने बच्चों का प्यार हो माँ। नरम सी बाहों में खुद झुलाया, सुना के लोरी हमें सुलाया , जो नींद भर कर कभी न सोई, जनम-जनम की जगार हो माँ।

माँ पर मजरूह सुल्तानपुरी का लिखा गीत “उसको नही देखा हमने कभी, पर इसकी जरूरत क्या होगी, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी“, मुझे स्ट्राईक किया ,,,,, ये गीत विविध भारती पर  खूब बजता था। उस वक्त गीत के बोलों और भाव से ज्यादा घोड़ों के टापूओं (खुरों) की “टक टक” की आवाज ज्यादा अच्छी लगती थी, फिर धीरे धीरे उम्र बढ़ी और “टक टक” की आवाज दूर होती गयी और उसकी जगह माँ के प्रति प्यार के भावों ने ले ली।
इस गीत को 1966 में रीलिज हुई फिल्म “दादी माँ” के लिये मन्ना दा और महेन्द्र कपूर ने गाया था और संगीत दिया था रोशन ने।
फिल्म में मुख्य भूमिका में थे अशोक कुमार, माँ का किरदार किया था बीना रॉय ने, दादी माँ बनी थी दुर्गा खोटे। ये गीत फिल्माया गया था बीना रॉय, दिलीप राज और काशीनाथ के ऊपर।
आज दुनिया की सभी माँओं को ये गीत समर्पित है -
उसको नहीं देखा हम ने कभी
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…
इंसान तो क्या देवता भी
आँचल में पले तेरे
है स्वर्ग इसी दुनिया में
कदमों के तले तेरे
ममता ही लुटाये जिसके नयन ओ ओ…
ममता ही लुटाये जिसके नयन
ऐसी कोई मूरत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…
क्यूँ धुप जलाये दुखो की
क्यूँ ग़म की घटा बरसे
ये हाथ दुआओं वाले
रहते हैं सदा सर पे
तू है तो अंधेरे पथ में हमें ओ ओ..
तू है तो अंधेरे पथ में हमें
सूरज की ज़रूरत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…
कहते हैं तेरी शान में जो
कोई ऊँचे बोल नहीं
भगवान के पास भी माता
तेरे प्यार का मोल नहीं
हम तो ये ही जाने तुझ से बड़ी ओ ओ..
हम तो ये ही जाने तुझ से बड़ी
संसार की दौलत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…
पर इसकी ज़रूरत क्या होगी
ऐ माँ, ऐ माँ तेरी सूरत से अलग
भगवान की सूरत क्या होगी, क्या होगी
उसको नहीं देखा हम ने कभी…

इस पोस्ट का फिलहाल अंत कुंवर बेचैन जी की लिखी इन चंद लाइनों के साथ -
अभी उफनती हुई नदी हो,
अभी नदी का उतार हो माँ,
रहो किसी भी दशा-दिशा में,
तुम अपने बच्चों का प्यार हो माँ।
नरम सी बाहों में खुद झुलाया,
सुना के लोरी हमें सुलाया ,
जो नींद भर कर कभी न सोई,
जनम-जनम की जगार हो माँ।

🌞⛳*"शुभ प्रभात"*⛳🌞 *जीवन में गर खुश रहना है तो,* *स्वयं को वह शांत सरोवर बनाए.....* *जिसमें कोई अंगारा भी फेंके तो,* *खुद बख़ुद बुझ जाए.....!!!!!* , , - 🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉 राधे राधे 🙏🏻

🌞⛳*"शुभ प्रभात"*⛳🌞

*जीवन में गर खुश रहना है तो,*
*स्वयं को वह शांत सरोवर बनाए.....*
*जिसमें कोई अंगारा भी फेंके तो,*
*खुद बख़ुद बुझ                        जाए.....!!!!!*           ,      ,         -
🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉 राधे राधे 🙏🏻

एक पत्थर सिर्फ एक बार *मंदिर जाता है और* *भगवान बन जाता है*.. *हम इंसान हर रोज* *मंदिर जाते हैं* *भगवान तो दूर* *इंसान भी नहीं बन पाते है*..

एक पत्थर सिर्फ एक बार
*मंदिर जाता है और*
*भगवान बन जाता है*..

*हम इंसान हर रोज*
*मंदिर जाते हैं*
*भगवान तो दूर*
*इंसान भी नहीं बन पाते है*..

क्षणिका ......... पर्यावरण बदल रहा ........! वृथा कल्पना शुष्क पथरीले पैचाशिक विचार......... मन-भावना कुलषित....... नहीं रहा संयम त्याग सदविचार......... कहते है .....! पर्यावरण बदल रहा ........ स्वार्थ लोभ छल-कपट समय बना विकट........ राग,द्वेष "अपनों"पर "अपना" नहीं रहा "अनुराग " पर्यावरण बदल रहा.......! बी.डी.गुहा रायपुर छत्तीसगढ़✍😳😇🙏

क्षणिका .........
पर्यावरण बदल रहा ........!
वृथा कल्पना
शुष्क पथरीले पैचाशिक विचार.........
मन-भावना कुलषित.......
नहीं रहा संयम त्याग सदविचार.........
कहते है .....!
पर्यावरण बदल रहा ........
स्वार्थ लोभ छल-कपट
समय बना विकट........
राग,द्वेष "अपनों"पर "अपना"
नहीं रहा "अनुराग "
पर्यावरण बदल रहा.......!
बी.डी.गुहा रायपुर
छत्तीसगढ़✍😳😇🙏

ये कहानी आपको झकझोर देगी 2 मिनट में एक अच्छी सीख अवश्य पढ़ें.... एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये! हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ?? यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा ! भटकते भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे ! रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था। वह जोर से चिल्लाने लगा। हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते। ये उल्लू चिल्ला रहा है। हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ?? ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही। पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था। सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो। हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद! यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो। हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ?? अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है! उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है। दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये। कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी। पंचलोग भी आ गये! बोले- भाई किस बात का विवाद है ?? लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है! लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे। हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है। इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए! फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है! यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया। उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली! रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ मित्र हंस, रुको! हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ?? पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ? उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी! लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है! मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है। यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं! शायद 65 साल की आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार की योग्यता न देखते हुए, हमेशा ये हमारी जाति का है. ये हमारी पार्टी का है के आधार पर अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैँ! "कहानी" अच्छी लगे तो आगे भी बढ़ा दें..

ये कहानी आपको झकझोर देगी 2 मिनट में एक अच्छी सीख अवश्य पढ़ें....

एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये!

हंसिनी ने हंस को कहा कि ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ??

यहाँ न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं यहाँ तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा !

भटकते भटकते शाम हो गयी तो हंस ने हंसिनी से कहा कि किसी तरह आज की रात बीता लो, सुबह हम लोग हरिद्वार लौट चलेंगे !

रात हुई तो जिस पेड़ के नीचे हंस और हंसिनी रुके थे, उस पर एक उल्लू बैठा था।

वह जोर से चिल्लाने लगा।

हंसिनी ने हंस से कहा- अरे यहाँ तो रात में सो भी नहीं सकते।

ये उल्लू चिल्ला रहा है।

हंस ने फिर हंसिनी को समझाया कि किसी तरह रात काट लो, मुझे अब समझ में आ गया है कि ये इलाका वीरान क्यूँ है ??

ऐसे उल्लू जिस इलाके में रहेंगे वो तो वीरान और उजड़ा रहेगा ही।

पेड़ पर बैठा उल्लू दोनों की बातें सुन रहा था।

सुबह हुई, उल्लू नीचे आया और उसने कहा कि हंस भाई, मेरी वजह से आपको रात में तकलीफ हुई, मुझे माफ़ करदो।

हंस ने कहा- कोई बात नही भैया, आपका धन्यवाद!

यह कहकर जैसे ही हंस अपनी हंसिनी को लेकर आगे बढ़ा

पीछे से उल्लू चिल्लाया, अरे हंस मेरी पत्नी को लेकर कहाँ जा रहे हो।

हंस चौंका- उसने कहा, आपकी पत्नी ??

अरे भाई, यह हंसिनी है, मेरी पत्नी है,मेरे साथ आई थी, मेरे साथ जा रही है!

उल्लू ने कहा- खामोश रहो, ये मेरी पत्नी है।

दोनों के बीच विवाद बढ़ गया। पूरे इलाके के लोग एकत्र हो गये।

कई गावों की जनता बैठी। पंचायत बुलाई गयी।

पंचलोग भी आ गये!

बोले- भाई किस बात का विवाद है ??

लोगों ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है!

लम्बी बैठक और पंचायत के बाद पंच लोग किनारे हो गये और कहा कि भाई बात तो यह सही है कि हंसिनी हंस की ही पत्नी है, लेकिन ये हंस और हंसिनी तो अभी थोड़ी देर में इस गाँव से चले जायेंगे।

हमारे बीच में तो उल्लू को ही रहना है।

इसलिए फैसला उल्लू के ही हक़ में ही सुनाना चाहिए!

फिर पंचों ने अपना फैसला सुनाया और कहा कि सारे तथ्यों और सबूतों की जांच करने के बाद यह पंचायत इस नतीजे पर पहुंची है कि हंसिनी उल्लू की ही पत्नी है और हंस को तत्काल गाँव छोड़ने का हुक्म दिया जाता है!

यह सुनते ही हंस हैरान हो गया और रोने, चीखने और चिल्लाने लगा कि पंचायत ने गलत फैसला सुनाया।

उल्लू ने मेरी पत्नी ले ली!

रोते- चीखते जब वह आगे बढ़ने लगा तो उल्लू ने आवाज लगाई - ऐ मित्र हंस, रुको!

हंस ने रोते हुए कहा कि भैया, अब क्या करोगे ??

पत्नी तो तुमने ले ही ली, अब जान भी लोगे ?

उल्लू ने कहा- नहीं मित्र, ये हंसिनी आपकी पत्नी थी, है और रहेगी!

लेकिन कल रात जब मैं चिल्ला रहा था तो आपने अपनी पत्नी से कहा था कि यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ उल्लू रहता है!

मित्र, ये इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए नहीं है कि यहाँ उल्लू रहता है।

यह इलाका उजड़ा और वीरान इसलिए है क्योंकि यहाँ पर ऐसे पंच रहते हैं जो उल्लुओं के हक़ में फैसला सुनाते हैं!

शायद 65 साल की आजादी के बाद भी हमारे देश की दुर्दशा का मूल कारण यही है कि हमने उम्मीदवार की योग्यता न देखते हुए, हमेशा ये हमारी जाति का है. ये हमारी पार्टी का है के आधार पर अपना फैसला उल्लुओं के ही पक्ष में सुनाया है, देश क़ी बदहाली और दुर्दशा के लिए कहीं न कहीं हम भी जिम्मेदार हैँ!

"कहानी" अच्छी लगे तो आगे भी बढ़ा दें..

Tuesday, May 23, 2017

🙏 हरिॐ वणक्कम मंगल कामना जीवन में द्वन्द्वों को पाटने का विशेष माध्यम है समता । मनुष्य की उत्तरोत्तर प्रगति और सुखद जीवन के लिए समभाव होना अति आवश्यक है । 🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾

🙏

हरिॐ
वणक्कम
मंगल कामना

जीवन में द्वन्द्वों को पाटने का विशेष माध्यम है समता ।
मनुष्य की उत्तरोत्तर प्रगति और सुखद जीवन के लिए समभाव होना अति आवश्यक है ।

🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾

🙏🏻🙏🏻🙏🏻Good morning 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿 मूस्कराहट का कोई मोल नहीं होता, कुछ रिश्तों का कोई तोल नहीं होता. लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर, लेकिन हर कोई आप की तरह अनमोल नही होता. 🌺🌿🌺🌿Good morning🌺🌿🌺🌺

🙏🏻🙏🏻🙏🏻Good morning 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿
       मूस्कराहट का कोई  
            मोल नहीं होता,
       कुछ रिश्तों का कोई  
            तोल नहीं होता.
      लोग तो मिल जाते है
                 हर मोड़ पर,    
            लेकिन हर कोई
        आप  की तरह   
       अनमोल नही होता.
🌺🌿🌺🌿Good morning🌺🌿🌺🌺

🌞⛳ शुभ प्रभात ⛳🌞 *🌹यदि आपके चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी एक तरह का "रक्तदान" है...* *आपके द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी "श्रमदान" है और...* *आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लेते हैं जिससे कुछ भी व्यर्थ न जाए तो यह भी "अन्नदान" है...* 🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉 राधे राधे🙏🏻

🌞⛳ शुभ प्रभात ⛳🌞

*🌹यदि आपके चंद मीठे बोलों से किसी का रक्त बढ़ता है तो यह भी एक तरह का "रक्तदान" है...*

*आपके द्वारा किसी की पीठ थपथपाने से उसकी थकावट दूर होती है तो यह भी "श्रमदान" है और...*

*आप कुछ भी खाते समय उतना ही प्लेट में लेते हैं जिससे कुछ भी व्यर्थ न जाए तो यह भी "अन्नदान" है...*

🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉 राधे राधे🙏🏻

*मन चंगा तो कठौती में गंगा*... *********(((())))********** सदैव उन बातों को अपने मन पर हावी मत होने दो जो नकारात्मक विचार हमारे अंदर भर देती है।हमेशा उन विचारों को अपने से दूर रखो जो आपके मन को दुखी करते हों। यदि इस प्रक्रिया में आपका मन इधर-उधर भागता तो उसे रोको मत,क्योंकि यदि हम उसे रोकने की कोशिश करेंगे तो वो मानेगा तो नहीं। जब वह (मन) पर्याप्त विचलित होकर अपनी दौड़ पूरी कर लेगा तब उसके पीछे जाओ और उसे समझा बुझाकर लौटा लाओ। वस्तुतः हम स्वयं अपने मन को खुश रखने अथवा दुःखी रखने के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में हमें ही यह दृढ़ संकल्प लेना होगा कि चाहे कुछ भी हो जाये,मैं किसी को भी अपनी खुशी छिनने का मौका नहीं दे सकता। जीवन को एक सही दिशा देने में हमारे मन की विशेष भूमिका होती है,अतः इच्छाओं को दबाकर उन्हें अपने ऊपर हावी न होने दें... *कहा भी गया है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा*.... 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ✍✍ *शरद चंद्र खले* ✍✍

*मन चंगा तो कठौती में गंगा*...
*********(((())))**********
सदैव उन बातों को अपने मन पर हावी मत होने दो जो नकारात्मक विचार हमारे अंदर भर देती है।हमेशा उन विचारों को अपने से दूर रखो जो आपके मन को दुखी करते हों।
यदि इस प्रक्रिया में आपका मन इधर-उधर भागता तो उसे रोको मत,क्योंकि यदि हम उसे रोकने की कोशिश करेंगे तो वो मानेगा तो नहीं। जब वह (मन) पर्याप्त विचलित होकर अपनी दौड़ पूरी कर लेगा तब उसके पीछे जाओ और उसे समझा बुझाकर लौटा लाओ।
वस्तुतः हम स्वयं अपने मन को खुश रखने अथवा दुःखी रखने के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में हमें ही यह दृढ़ संकल्प लेना होगा कि चाहे कुछ भी हो जाये,मैं किसी को भी अपनी खुशी छिनने का मौका नहीं दे सकता।
जीवन को एक सही दिशा देने में हमारे मन की विशेष भूमिका होती है,अतः इच्छाओं को दबाकर उन्हें अपने ऊपर हावी न होने दें... *कहा भी गया है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा*....
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
✍✍ *शरद चंद्र खले* ✍✍

🙏 हरिॐ वणक्कम मंगल कामना जीवन को समभाव के नजरिए से देखना कोई एक दिन का काम नहीं है । धैर्य और सकारात्मकता अनिवार्य है । 🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾🌾

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हरिॐ
वणक्कम
मंगल कामना

जीवन को समभाव के नजरिए से देखना कोई एक दिन का काम नहीं है । धैर्य और सकारात्मकता अनिवार्य है ।

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🙏 *Spiritual Diary* 🌹 *Wisdom* It is not a pumping - in from the outside that gives wisdom. It is the power and extent of your inner receptivity that determines how much you can attain of true knowledge, and how rapidly. *🌞⛳शुभ प्रभात ⛳🌞* *बाहर से ठूँस - ठूँसकर ज्ञान अन्दर भरा नही जा सकता। आपकी अन्तर्ग्रहणशीलता की शक्ति एवं क्षमता पर ही यह निर्भर है कि सच्चे ज्ञान को कितनी मात्रा में और कितनी जल्दी आप ग्रहण कर सकते हैं।* 🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉राधे राधे🙏🏻*

🙏 *Spiritual Diary*

🌹 *Wisdom*

It is not a pumping - in from the outside that gives wisdom. It is the power and extent of your inner receptivity that determines how much you can attain of true knowledge, and how rapidly.

*🌞⛳शुभ प्रभात ⛳🌞*
             
*बाहर से ठूँस - ठूँसकर ज्ञान अन्दर भरा नही जा सकता। आपकी अन्तर्ग्रहणशीलता की शक्ति एवं क्षमता पर ही यह निर्भर है कि सच्चे ज्ञान को कितनी मात्रा में और कितनी जल्दी आप ग्रहण कर सकते हैं।*
🙏🏻मात नर्मदे हर 🕉राधे राधे🙏🏻*

*एक बार पचास लोगों का ग्रुप। किसी मीटिंग में हिस्सा ले रहा था।* *मीटिंग शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि स्पीकर अचानक ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे 🏉देते हुए बोला , ”* *#आप सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने ऐसा ही किया।* *अब गुब्बारों को एक दुसरे कमरे में रख दिया गया।* *स्पीकर ने अब सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट के अंदर अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने के लिए कहा।* *सारे पार्टिसिपेंट्स तेजी से रूम में घुसे और पागलों की तरह अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने लगे।* *पर इस अफरा-तफरी में किसी को भी अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था…* *👻 5 पांच मिनट बाद सभी को बाहर बुला लिया गया।* *स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप सभी खाली हाथ क्यों हैं ? क्या किसी को अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” ”* *नहीं ! हमने बहुत ढूंढा पर हमेशा किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाथ आया…”, एक पार्टिसिपेंट कुछ मायूस होते हुए बोला।* *🏉“कोई बात नहीं , आप लोग एक बार फिर कमरे में जाइये , पर इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे अपने हाथ में ले और उस व्यक्ति को दे दे जिसका नाम उसपर लिखा हुआ है । “, स्पीकर ने निर्दश दिया।* *🏉एक बार फिर सभी पार्टिसिपेंट्स कमरे में गए, पर इस बार सब शांत थे , और कमरे में किसी तरह की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने एक दुसरे को उनके नाम के गुब्बारे दिए और तीन मिनट में ही बाहर निकले आये।* *स्पीकर ने गम्भीर होते हुए कहा ,* *☝☝” बिलकुल यही चीज हमारे जीवन में भी हो रही है।* *हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिलता ,* *👉👉 हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में छिपी हुई है।* *👌👉 जब हम औरों को उनकी खुशियां देना सीख जायेंगे* *👌👉तो अपने आप ही हमें हमारी खुशियां मिल जाएँगी।* ✌👌 👇 *और यही मानव- जीवन का उद्देश्य भी है.....*

*एक बार पचास लोगों का ग्रुप।  किसी मीटिंग में हिस्सा ले रहा था।*
*मीटिंग शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते थे कि  स्पीकर अचानक ही रुका और सभी पार्टिसिपेंट्स को गुब्बारे 🏉देते हुए बोला , ”*
*#आप सभी को गुब्बारे पर इस मार्कर से अपना नाम लिखना है। ” सभी ने ऐसा ही किया।*

*अब गुब्बारों को एक दुसरे कमरे में रख दिया गया।*

*स्पीकर ने अब सभी को एक साथ कमरे में जाकर पांच मिनट के अंदर अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने के लिए कहा।*

*सारे पार्टिसिपेंट्स तेजी से रूम में घुसे और पागलों की तरह अपना नाम वाला गुब्बारा ढूंढने लगे।*

*पर इस अफरा-तफरी में किसी को भी अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिल पा रहा था…*

*👻  5 पांच मिनट बाद सभी को बाहर बुला लिया गया।*

*स्पीकर बोला , ” अरे! क्या हुआ , आप सभी खाली हाथ क्यों हैं ? क्या किसी को अपने नाम वाला गुब्बारा नहीं मिला ?” ”*

*नहीं ! हमने बहुत ढूंढा पर हमेशा किसी और के नाम का ही गुब्बारा हाथ आया…”, एक पार्टिसिपेंट कुछ मायूस होते हुए बोला।*

*🏉“कोई बात नहीं , आप लोग एक बार फिर कमरे में जाइये , पर इस बार जिसे जो भी गुब्बारा मिले उसे अपने हाथ में ले और उस व्यक्ति को दे दे जिसका नाम उसपर लिखा हुआ है । “, स्पीकर ने निर्दश दिया।*

*🏉एक बार फिर सभी पार्टिसिपेंट्स कमरे में गए, पर इस बार सब शांत थे , और कमरे में किसी तरह की अफरा- तफरी नहीं मची हुई थी। सभी ने एक दुसरे को उनके नाम के गुब्बारे दिए और तीन मिनट में ही बाहर निकले आये।*

*स्पीकर ने गम्भीर होते हुए कहा ,*

*☝☝” बिलकुल यही चीज हमारे जीवन में भी हो रही है।*

*हर कोई अपने लिए ही जी रहा है , उसे इससे कोई मतलब नहीं कि वह किस तरह औरों की मदद कर सकता है , वह तो बस पागलों की तरह अपनी ही खुशियां ढूंढ रहा है , पर बहुत ढूंढने के बाद भी उसे कुछ नहीं मिलता ,*

*👉👉  हमारी ख़ुशी दूसरों की ख़ुशी में छिपी हुई है।*

*👌👉 जब हम औरों को उनकी खुशियां देना सीख जायेंगे*
*👌👉तो अपने आप ही हमें हमारी खुशियां मिल जाएँगी।*

✌👌   👇

*और यही मानव- जीवन का उद्देश्य भी है.....*

सांपों के मुकद्दर में वो जहर कहाँ जो इंसान आजकल बातों में उगल देते हैं

सांपों के मुकद्दर में वो जहर कहाँ
जो इंसान आजकल बातों में उगल देते हैं

*एक व्यक्ति ने एक फकीर से पुछा,* *उत्सव मनाने का बेहतरीन* *दिन कौन सा है* ??? *फकीर ने प्यार से कहा - मौत से* *एक दिन पहले!* *व्यक्ति: मौत का तो कोई* *वक़्त* *नहीं!* *फकीर ने मुस्कुराते हुए* *कहा ...* *"तो ज़िंदगी का हर दिन आख़री समझो"* _ *और* _ *"जीने का आनन्द लो!"*

*एक व्यक्ति ने एक फकीर से पुछा,*
     *उत्सव मनाने का बेहतरीन*
             *दिन कौन सा है* ???
       *फकीर ने प्यार से कहा - मौत से*
              *एक दिन पहले!*
       *व्यक्ति: मौत का तो कोई* *वक़्त*
                      *नहीं!*
         *फकीर ने मुस्कुराते हुए* *कहा ...*
*"तो ज़िंदगी का हर दिन आख़री समझो"*
                  _ *और* _
       *"जीने का आनन्द लो!"*

एक गाँव में यज्ञ हो रहा है, और गाँव का राजा, एक बकरे को चढ़ा रहा है। बुद्ध गाँव से गुज़रे हैं, वो वहाँ पहुँच गए। और उन्होंने उस राजा को कहा कि, “ये क्या कर रहे हैं? इस बकरे को चढ़ा रहे हैं, किसलिए?” तो उसने कहा कि, “इसके चढ़ाने से बड़ा पुण्य होता है।” तो बुद्ध ने कहा, “मुझे चढ़ा दो, तो और भी ज़्यादा पुण्य होगा।” वो राजा थोड़ा डरा। बकरे को चढ़ाने में चढ़ाने में कोई हर्ज़ा नहीं, लेकिन बुद्ध को चढ़ाना! उसके भी हाथ-पैर कँपे। और बुद्ध ने कहा कि, “अगर सच में ही कोई लाभ करना हो तो अपने को चढ़ा दो। बकरा चढ़ाने से क्या होगा?” उस राजा ने कहा, “न, बकरे का कोई नुकसान नहीं है, स्वर्ग चला जाएगा।” बुद्ध ने कहा, “ये बहुत ही अच्छा है, मैं स्वर्ग की तलाश कर रहा हूँ, तुम मुझे चढ़ा दो, तुम मुझे स्वर्ग भेज दो। और तुम अपने माता-पिता को क्यों नहीं भेजते स्वर्ग, और ख़ुद को क्यों रोके हुए हो? जब स्वर्ग जाने की ऐसी सरल, तुम्हें सुगम तरकीब मिल गई है, तो काट लो गर्दन। बकरे को बेचारे को क्यों भेज रहे हो, जो शायद जाना भी न चाहता हो स्वर्ग? बकरे को ख़ुद ही चुनने दो कहाँ उसे जाना है।” उस राजा को समझ आई। उसे बुद्ध की बात ख़्याल में पड़ी। ये बडी सचोट बात थी। आदमी ने सब चढ़ाया है... धन चढ़ाया, फूल चढ़ाए। फूल भी तुम्हारे नहीं... वो परमात्मा के हैं, वृक्षों पे चढ़े ही हुए थे। वृक्षों पर परमात्मा के चरणों में ही चढ़े थे। वृक्षों के ऊपर से उनको परमात्मा की यात्रा हो ही रही थी। वहीं तो जा रही थी वह सुगन्ध, और कहाँ जाती? तुमने उनको वृक्षों से तोड़के मुर्दा कर लिया और फिर मुर्दा फूलों को जाके मन्दिर में चढ़ा आए। और समझे कि बड़ा काम कर आए हो। कभी धूप-दीप जलाए, कि कभी जानवर चढ़ाए, कि कभी आदमी भी चढ़ा दिए! अपने को कब चढ़ाओगे? और जो अपने को चढ़ाता है, वही उसे पाता है।

एक गाँव में यज्ञ हो रहा है, और गाँव का राजा, एक बकरे को चढ़ा रहा है। बुद्ध गाँव से गुज़रे हैं, वो वहाँ पहुँच गए। और उन्होंने उस राजा को कहा कि, “ये क्या कर रहे हैं? इस बकरे को चढ़ा रहे हैं, किसलिए?”
तो उसने कहा कि, “इसके चढ़ाने से बड़ा पुण्य होता है।” तो बुद्ध ने कहा, “मुझे चढ़ा दो, तो और भी ज़्यादा पुण्य होगा।” वो राजा थोड़ा डरा। बकरे को चढ़ाने में चढ़ाने में कोई हर्ज़ा नहीं, लेकिन बुद्ध को चढ़ाना! उसके भी हाथ-पैर कँपे। और बुद्ध ने कहा कि, “अगर सच में ही कोई लाभ करना हो तो अपने को चढ़ा दो। बकरा चढ़ाने से क्या होगा?” उस राजा ने कहा, “न, बकरे का कोई नुकसान नहीं है, स्वर्ग चला जाएगा।” बुद्ध ने कहा, “ये बहुत ही अच्छा है, मैं स्वर्ग की तलाश कर रहा हूँ, तुम मुझे चढ़ा दो, तुम मुझे स्वर्ग भेज दो। और तुम अपने माता-पिता को क्यों नहीं भेजते स्वर्ग, और ख़ुद को क्यों रोके हुए हो? जब स्वर्ग जाने की ऐसी सरल, तुम्हें सुगम तरकीब मिल गई है, तो काट लो गर्दन। बकरे को बेचारे को क्यों भेज रहे हो, जो शायद जाना भी न चाहता हो स्वर्ग? बकरे को ख़ुद ही चुनने दो कहाँ उसे जाना है।” उस राजा को समझ आई। उसे बुद्ध की बात ख़्याल में पड़ी। ये बडी सचोट बात थी। आदमी ने सब चढ़ाया है... धन चढ़ाया, फूल चढ़ाए। फूल भी तुम्हारे नहीं... वो परमात्मा के हैं, वृक्षों पे चढ़े ही हुए थे। वृक्षों पर परमात्मा के चरणों में ही चढ़े थे। वृक्षों के ऊपर से उनको परमात्मा की यात्रा हो ही रही थी। वहीं तो जा रही थी वह सुगन्ध, और कहाँ जाती? तुमने उनको वृक्षों से तोड़के मुर्दा कर लिया और फिर मुर्दा फूलों को जाके मन्दिर में चढ़ा आए। और समझे कि बड़ा काम कर आए हो। कभी धूप-दीप जलाए, कि कभी जानवर चढ़ाए, कि कभी आदमी भी चढ़ा दिए! अपने को कब चढ़ाओगे? और जो अपने को चढ़ाता है, वही उसे पाता है।

*क्या आप जानते हैं कि सूखे और तापमान बढ़ने की वजह क्या है ?* . आप को लगेगा अजीब बकवास है किन्तु यही अटल सत्य है.. .। पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया । पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड को 100% सोख लेता है, बरगद़ 80% और नीम 75 % सरकार ने इन पेड़ों से दूरी बना लिया तथा इसके बदले यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है। . अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही । हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा। वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए, पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है जिसकी वजह से शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं। वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए- *मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,सखा शंकरमेवच।* *पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,वृक्षराज नमस्तुते।* भावार्थ तो समझ ही गए होंगे। *अब करने योग्य कार्य* इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगायें । तथा यूकेलिप्टस पर बैन लगाया जाये इसके साथ नीम और बरगद के पौधे लगाएं । *जिसके पास इतनी जग़ह न हो वह तुलसी जी का पौधा लगाये** आइये हम सब मिलकर अपने "हिंदुस्तान" को प्राकृतिक आपदाओं से बचायें ।

*क्या आप जानते हैं कि सूखे और तापमान बढ़ने की वजह क्या है ?*
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आप को लगेगा अजीब बकवास है किन्तु यही अटल सत्य है.. .।
पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया । पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड को 100% सोख लेता है, बरगद़ 80% और नीम 75 %

सरकार ने इन पेड़ों से दूरी बना लिया तथा इसके बदले यूकेलिप्टस को लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है।
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अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही ।

हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा। वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए, पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है जिसकी वजह से शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं। वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है।

इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-
*मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,सखा शंकरमेवच।*
*पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,वृक्षराज नमस्तुते।*

भावार्थ तो समझ ही गए होंगे।

*अब करने योग्य कार्य*
इन जीवनदायी पेड़ों को ज्यादा से ज्यादा लगायें । तथा यूकेलिप्टस पर बैन लगाया जाये इसके साथ नीम और बरगद के पौधे लगाएं ।
*जिसके पास इतनी जग़ह न हो वह तुलसी जी का पौधा लगाये**
आइये हम सब मिलकर अपने "हिंदुस्तान" को प्राकृतिक आपदाओं से बचायें ।