उम्मीद की ढाल लिए बैठा हूँ..
ए जिंदगी! तेरी हर चाल के लिए ,
मैं दो चाल लिए बैठा हूँ ..!!
लुत्फ़ उठा रहा हूँ मैं भी आँख - मिचोली का ,
मिलेगी कामयाबी... हौसला कमाल लिए बैठा हूँ ..!!
चल मान लिया , दो-चार दिन नहीं मेरे मुताबिक ,
गिरेबान में अपने , ये सुनहरा साल लिए बैठा हूँ ..!!
.... ये गहराइयां, ये लहरें.... ये तूफां... तुम्हे मुबारक....
.... मुझे क्या फ़िक्र ,.... मैं कश्तीया और दोस्त... बेमिसाल लिए बैठा हूँ...... 🌹😊🙏🏽