Thursday, January 1, 2015

Dost

नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है.!.
लोग "रूलाना" नहीं छोडते,
और हम "हसना" नहीं छोडते..!!..
"हमने अपने नसीब से ज्यादा अपने दोस्तो पर भरोसा रखा है.
क्युंकि 
नसीब तो बहुत बार बदला है,
लेकिन मेरे दोस्त अभी भी वही है!"               👍👍👍