Wednesday, February 4, 2015

तुम्हें जब कभी मिलें फुरसतें, मेरे दिल का बोझ उतार दो 
मैं बहुत दिनों से उदास हूँ , मुझे कोई शाम उधार दो
खो जाते हैं कुछ लोग ज़िन्दगी में इस तरह भी,

कि लाख माँगों दुआओं में पर हासिल नहीं होते।
·
कोहराम मचा रखा है ये जनवरी की सर्द हवाओ ने ,,
और एक उनके दिल का मौसम है जो बदलने का नाम
नहीं लेता .. ..

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