Saturday, August 12, 2017

*नदी जब निकलती है,*
*कोई नक्‍शा पास नहीं होता कि "सागर" कहां है।*

*बिना नक्‍शे के सागर तक पहुंच जाती है।*
*ऐसा नहीँ है कि नदी कुछ नहीँ करती है।*
*उसको "सागर" तक पहुंचने के लिए लगातार "बहना" अर्थात "कर्म" करना पड़ता है।*

*इसलिए "कर्म" करते रहिये,*
*नक्शा तो भगवान् पहले ही बनाकर बैठे है ।*
*हमको तो सिर्फ "बहना" ही है ।।*

* सुप्रभात्🙏🏻🌞*

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