Wednesday, May 18, 2022

हबीब सोज़ साहब का एक शेर कमाल का है"यहाँ मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता हैकई झूठे इकठ्ठे हों, तो सच्चा टूट जाता है

हबीब सोज़ साहब का एक शेर कमाल का है

"यहाँ मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता है
कई झूठे इकठ्ठे हों, तो सच्चा टूट जाता है

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