Sunday, July 2, 2017

"यादें बचपन की "

"यादें बचपन की "
               ............!!!!
वो ! भी क्या दिन थे .......
बारिश में भींगना.........
बरसते पानी में  फुटवाल
खेलना......
भागना दौड़ना दौड़ाना....
वो !बहता पानी कागज़
की नाव .....
बनाकर तैराना.........
कितना पुर शुकून था......
वो ! पल ! वो! शरारतें
वो ! यादें बचपन की......
स्कूल से भीगकर आना
माँ की डाँट! पिता की फटकार........!
गीले बालों और शरीर को
पोछना ........
वो ! माँ की "झिड़की".....
अब !भीगकर आया तो
समझ लेना.......!
वो! माँ का प्यार !दुलार!
जाने कँहा खो गया ,खो गया वो !बचपन .......
वो! खो-खो कब्बड्डी.......
जब !पहनते थे "चड्डी"....!
गिरना गिराना छूना धकेलना.......
वो ! कट्टी वो ! मिठ्ठी.....!
वो ! लड़ना -झगड़ना
वो ! खींचा-तानी......
वो !मुक्कों का प्रहार.....!
फिर ! भी हार न जीत
सब के सब आपस में
मनमीत.........!
जाने ! कँहा खो गया
वो! बचपन........
माँ ! खोई !पिता!खोया....
खोया !वो !बचपन......!
जवानी !खोई!बुढ़ापा आया.......
न आया वो! बचपन.....!
बस !एक अहसास है .....
काश !माँ !फिर से डांटे-
दुलारे.......!
लेकिन !माँ भी तो खो चुकी ! किसे ! खोजूं....!
वो ! माँ !वो!बचपन.......
वो !यादें ! बचपन की........!!
बी.डी. गुहा रायपुर छत्तीसगढ़✍😌🌹🙏

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