Tuesday, December 30, 2014

" ईश्वर तो दिखाई भी 
नहीं देते .
विश्वास कैसे करूँ ?"
सटीक जवाब मिला .
"श्रद्धा वाई-फ़ाई 
कि तरह होती है .
दिखती तो नहीं है .
पर सही पासवर्ड डालो 
तो कनेक्ट हो जाते हो "🙏
"न हाल पूछा, न खैरियत पूछी...
आज भी उसने हैसियत पूछी....।।"
तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी...
कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई...!!!
रोती हुई आँखो मे इंतेज़ार होता है,
ना चाहते हुए भी प्यार होता है,
क्यू देखते है हम वो सपने,
जिनके टूटने पर भी उनके सच होने
का इंतेज़ार होता है…

No comments: