Wednesday, December 17, 2014

किसी रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ
लेना दोस्तों


दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत
हैं...!!


: मैं भूला नहीं हूँ किसी को...
मेरे बहुत कम दोस्त है ज़माने में .........
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है .....
2 वक़्त की रोटी कमाने में। ....
टिप्पणियाँ - को तकलीफ देना
मेरी आदत नही--
बिन बुलाया मेहमान बनना
मेरी आदत नही---
मैं अपने गम में रहता हूँ
नबाबों की तरह---
परायी ख़ुशी के पास जाना
मेरी आदत नही---
सबको हँसता ही
देखना चाहता हूँ मै----
किसी को धोखे से भी
रुलाना मेरी आदत नही---
बांटना चाहता हूँ तो बस
प्यार और मोहब्बत----
यूँ नफरत फैलाना
मेरी आदत नही----
ज़िदगी मिट जाये
किसी की खातिर गम नही----
कोई बद्दुआ दे मरने की
यूँ जीना मेरी आदत नही----
सबसे दोस्त की हैसियत से
बोल लेता हूँ-----
किसी का दिल दुखा दूँ
मेरी #आदत नही----
दोस्ती होती है
दिलों के चाहने पर----
जबरदस्ती #दोस्ती करना
मेरी आदत नही----

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