Monday, December 22, 2014

जब जब भी में बिखरा हूँ..
दुगनी रफ़्तार से निखरा हूँ..!!
 साल निकल रहा है..
कुछ नया होता है.. 
कुछ पुराना पीछे रह जाता है...
कुछ ख्वाईशैं दिल मैं रह जाती हैं.. 
कुछ बिन मांगे मिल जाती हैं ...
कुछ छौड कर चले गये.. 
कुछ नये जुड़ेंगे इस सफर मैं .. 
कुछ मुझसे खफा हैं.. 
कुछ मुझसे बहुत खुश हैं.. 
कुछ मुझे भूल गये... 
कुछ मुझे याद करते हैं... 
कुछ शायद अनजान हैं..
कुछ बहुत परेशान हैं..
कुछ को मेरा इंतजार हैं .. 
कुछ का मुझे इंतजार है.. 
कुछ सही है..
कुछ गलत भी है..
कोई गलती तो माफ कीजिये..
..और कुछ अच्छा लगे तो याद कीजिये...

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