Thursday, May 25, 2017

एक पत्थर सिर्फ एक बार *मंदिर जाता है और* *भगवान बन जाता है*.. *हम इंसान हर रोज* *मंदिर जाते हैं* *भगवान तो दूर* *इंसान भी नहीं बन पाते है*..

एक पत्थर सिर्फ एक बार
*मंदिर जाता है और*
*भगवान बन जाता है*..

*हम इंसान हर रोज*
*मंदिर जाते हैं*
*भगवान तो दूर*
*इंसान भी नहीं बन पाते है*..

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