आतंकवादी
वृथा कल्पनाओ से डरे सहमे
बेतरतीब बेढंगे
नकारात्मक विचारो का सैलाब
शुष्क पथरीली संवेदना
कटीले विचारो से लहू-लुहान
सूखी-बंज़र भावनाओ का निर्मम
"प्रहार "
कोरी भावुकता रिश्ते रेत सामान
हरियाली असमय वीरान
उजड़ता घरोंदा बिखरते अरमान
टूटती-उखड़ती साँसे जीवन
" बेज़ान "
स्वयं से डरी सहमी अंतरात्मा
औरो को डराती
शुष्क पथरीली पिशाची आत्मा का
" अठ्ठाहास "
वृथा कल्पनाओ से डरे सहमे बेतरतीब
बेढंगे आतंकवादी
सब के सब एक सामान
आतंकवादी.......
स्वरचित रचना बी.डी.गुहा रायपुर
छत्तीसगढ़
वृथा कल्पनाओ से डरे सहमे
बेतरतीब बेढंगे
नकारात्मक विचारो का सैलाब
शुष्क पथरीली संवेदना
कटीले विचारो से लहू-लुहान
सूखी-बंज़र भावनाओ का निर्मम
"प्रहार "
कोरी भावुकता रिश्ते रेत सामान
हरियाली असमय वीरान
उजड़ता घरोंदा बिखरते अरमान
टूटती-उखड़ती साँसे जीवन
" बेज़ान "
स्वयं से डरी सहमी अंतरात्मा
औरो को डराती
शुष्क पथरीली पिशाची आत्मा का
" अठ्ठाहास "
वृथा कल्पनाओ से डरे सहमे बेतरतीब
बेढंगे आतंकवादी
सब के सब एक सामान
आतंकवादी.......
स्वरचित रचना बी.डी.गुहा रायपुर
छत्तीसगढ़
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