Saturday, April 29, 2017

बी.डी.गुहा रायपुर छत्तीसगढ़

ये पैसा........
पैसा साधन है
      साध्य नहीं .....
वैभव है आराध्य नहीं
  एक सीमा के बाद
       उसकी कोई
          औक़ात
             नही
   कीमत है मूल्य नहीं
नहीं है तब तक चाहत है
पैसा है बस ! यही राहत
              है.....!
मौत!के करीब मौत!के बाद आफत ही आफत
              है ......!!
आवश्यकता अनुरूप               कमाना "शराफत" है
बेईमानी,मक्कारी ,लूट
    से कमान खुरापत
             है .....!
हो जाय जरूरत से ज्यादा
तब भी आफत ही आफत
               है ......!!
पैसा "सब-कुछ" नहीं है
  "कुछ " है  "सब "नहीं है
बस !"साधन" है" साध्य "
          नहीं ......!
ये पैसा...........!!
बी.डी.गुहा रायपुर छत्तीसगढ़

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