कश्मीर में तांडव मचा है!
लेकिन न ही अवार्ड वापसी हुई;
न किसी की बीवी की देश छोड़कर जाने की इच्छा हुई!
हद है दोगलेपन की!
वहां भारतीय फौज एक "आतंकवादी" का एनकाउंटर करती है और, और कश्मीर की जनता हमारी फौज को दौडा दौडा कर पत्थर मारती है!
आज की घटना:
भूतपूर्व सरकार का हर नेता चुप!
दिल्ली का हाहाकारी मुख्यमंन्त्री चुप!
काँग्रेस के सारे बुद्धिजीवी चुप!
संघ-मुक्त भारत करने की इच्छा रखने वाले चुप!
एन डी टी वी चैनल चुप!
ए बी पी चैनल चुप!
इन्डिया टीवी चुप!
न्यूज 24 वाले चुप!
पत्रकार चुप!
साहित्यकार चुप!
फिल्मकार चुप!
आमिर खान चुप!
सलमान खान चुप!
पाकिस्तान को करोड़ों रूपए भेजने वाला शाहरूख खान चुप!
असिहष्णुता का ढिढोरा पिटने वाले चुप!
आप चुप!
हम चुप!
सारा देश है चुप-चाप! क्यों? क्यों? क्यों ?धिक्कार है इन सब पर! लानत भेजता हू मै इन सब पर!
क्यों हम यह भूल गये कि यह वही फ़ौजी जवान है जिन्होंने पिछले बरस बाढ से पीड़ित अलगाववादी काश्मीरियो को अपनी जान पर खेलकर बचाया था!
और तो और, इन्हीं कमीनो के लिये पिछले साल हर एक फौजी ने अपनी एक दिन की सैलरी दी थी बाढ़ राहत कोष में!
अगर सच मे हम मे हिन्दुस्तानी होने का जरा भी एहसास बचा है तो करो इस पोस्ट को शेयर!
कब तक चुप रहेंगे हम?
अरे भाई अब जागो!कुछ तो बोलो चुप्पी तोड़ो!
और सराहो हिंदुस्तानी फ़ौज़ के बहादुरी भरी कारनामों पर!
भारत माता की जय
लेकिन न ही अवार्ड वापसी हुई;
न किसी की बीवी की देश छोड़कर जाने की इच्छा हुई!
हद है दोगलेपन की!
वहां भारतीय फौज एक "आतंकवादी" का एनकाउंटर करती है और, और कश्मीर की जनता हमारी फौज को दौडा दौडा कर पत्थर मारती है!
आज की घटना:
भूतपूर्व सरकार का हर नेता चुप!
दिल्ली का हाहाकारी मुख्यमंन्त्री चुप!
काँग्रेस के सारे बुद्धिजीवी चुप!
संघ-मुक्त भारत करने की इच्छा रखने वाले चुप!
एन डी टी वी चैनल चुप!
ए बी पी चैनल चुप!
इन्डिया टीवी चुप!
न्यूज 24 वाले चुप!
पत्रकार चुप!
साहित्यकार चुप!
फिल्मकार चुप!
आमिर खान चुप!
सलमान खान चुप!
पाकिस्तान को करोड़ों रूपए भेजने वाला शाहरूख खान चुप!
असिहष्णुता का ढिढोरा पिटने वाले चुप!
आप चुप!
हम चुप!
सारा देश है चुप-चाप! क्यों? क्यों? क्यों ?धिक्कार है इन सब पर! लानत भेजता हू मै इन सब पर!
क्यों हम यह भूल गये कि यह वही फ़ौजी जवान है जिन्होंने पिछले बरस बाढ से पीड़ित अलगाववादी काश्मीरियो को अपनी जान पर खेलकर बचाया था!
और तो और, इन्हीं कमीनो के लिये पिछले साल हर एक फौजी ने अपनी एक दिन की सैलरी दी थी बाढ़ राहत कोष में!
अगर सच मे हम मे हिन्दुस्तानी होने का जरा भी एहसास बचा है तो करो इस पोस्ट को शेयर!
कब तक चुप रहेंगे हम?
अरे भाई अब जागो!कुछ तो बोलो चुप्पी तोड़ो!
और सराहो हिंदुस्तानी फ़ौज़ के बहादुरी भरी कारनामों पर!
भारत माता की जय
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