Tuesday, May 23, 2017

*मन चंगा तो कठौती में गंगा*... *********(((())))********** सदैव उन बातों को अपने मन पर हावी मत होने दो जो नकारात्मक विचार हमारे अंदर भर देती है।हमेशा उन विचारों को अपने से दूर रखो जो आपके मन को दुखी करते हों। यदि इस प्रक्रिया में आपका मन इधर-उधर भागता तो उसे रोको मत,क्योंकि यदि हम उसे रोकने की कोशिश करेंगे तो वो मानेगा तो नहीं। जब वह (मन) पर्याप्त विचलित होकर अपनी दौड़ पूरी कर लेगा तब उसके पीछे जाओ और उसे समझा बुझाकर लौटा लाओ। वस्तुतः हम स्वयं अपने मन को खुश रखने अथवा दुःखी रखने के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में हमें ही यह दृढ़ संकल्प लेना होगा कि चाहे कुछ भी हो जाये,मैं किसी को भी अपनी खुशी छिनने का मौका नहीं दे सकता। जीवन को एक सही दिशा देने में हमारे मन की विशेष भूमिका होती है,अतः इच्छाओं को दबाकर उन्हें अपने ऊपर हावी न होने दें... *कहा भी गया है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा*.... 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ✍✍ *शरद चंद्र खले* ✍✍

*मन चंगा तो कठौती में गंगा*...
*********(((())))**********
सदैव उन बातों को अपने मन पर हावी मत होने दो जो नकारात्मक विचार हमारे अंदर भर देती है।हमेशा उन विचारों को अपने से दूर रखो जो आपके मन को दुखी करते हों।
यदि इस प्रक्रिया में आपका मन इधर-उधर भागता तो उसे रोको मत,क्योंकि यदि हम उसे रोकने की कोशिश करेंगे तो वो मानेगा तो नहीं। जब वह (मन) पर्याप्त विचलित होकर अपनी दौड़ पूरी कर लेगा तब उसके पीछे जाओ और उसे समझा बुझाकर लौटा लाओ।
वस्तुतः हम स्वयं अपने मन को खुश रखने अथवा दुःखी रखने के लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में हमें ही यह दृढ़ संकल्प लेना होगा कि चाहे कुछ भी हो जाये,मैं किसी को भी अपनी खुशी छिनने का मौका नहीं दे सकता।
जीवन को एक सही दिशा देने में हमारे मन की विशेष भूमिका होती है,अतः इच्छाओं को दबाकर उन्हें अपने ऊपर हावी न होने दें... *कहा भी गया है कि मन चंगा तो कठौती में गंगा*....
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
✍✍ *शरद चंद्र खले* ✍✍

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