Saturday, May 6, 2017

मत डर प्रलय झकोरों से तू, बढ आशा हलकोरों से तू, क्षण में यह अरि-दल मिट जायेगा तेरे पंखों से पिस कर। खग! उडते रहना जीवन भर! जय श्री राम

मत डर प्रलय झकोरों से तू,
बढ आशा हलकोरों से तू,
क्षण में यह अरि-दल मिट जायेगा तेरे पंखों से पिस कर।
खग! उडते रहना जीवन भर!

जय श्री राम

No comments: